इन्दौर। कान्ह नदी को संवारने के लिए नगर निगम ने दस करोड़ की भारी भरकम राशि खर्च की थी और कुछ दिनों तक उसके किनारे बदले हुए नजर आए भी थे, लेकिन फिर से बदहाली नजर आने लगी है। जयरामपुर, गणगौर घाट से लेकर कृष्णपुरा छत्रियों के आसपास तक पूरी नदी में गाद और जलकुंभी जमी हुई है, जिसके कारण बारिश का पानी अवरुद्ध होगा। सफाई के लिए पांच बार पहले जेसीबी, डंपर और तमाम संसाधन लगाकर अभियान चलाया गया था, लेकिन चार से पांच दिनों के अंतराल में वहां फिर से स्थितियां बदतर हो रही हैं। कई जगह नदी के हिस्सों में जमा पानी के कारण आसपास के रहवासी बदबू के कारण परेशान हैं और निगम अफसरों को इसकी शिकायतें भी कर रहे हैं।
कई बार जेसीबी और डम्पर से गाद निकाली, फिर वही की वही स्थिति
आठ से ज्यादा जेसीबी, पोकलन मशीनें और वर्कशाप विभाग द्वारा बनाई गई जलकुंभी निकालने वाली नई मशीन इस कार्य के लिए झोंकी गई थी, लेकिन उसके बावजूद नदी के किनारे दलदल से अटे नजर आ रहे हैं। गणगौर घाट पर कई दिनों तक सफाई अभियान के बाद पूरा इलाका साफ किया गया था, लेकिन नदी अब फिर बदहाल नजर आ रही है।
जवाहर मार्ग से चंद्रभागा तक नदी किनारे चल रहा है सडक़ निर्माण
नगर निगम द्वारा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जवाहर मार्ग से चंद्रभागा के लिए रिव्हर साइड कॉरिडोर का काम शुरू किया गया था। यह काम अंतिम दौर में है और इसके लिए बड़े पैमाने पर कई बाधाएं हटाई गई थीं, लेकिन वहां भी कान्ह के किनारे गंदगी के कारण आसपास के रहवासी परेशान हैं। पूरी नदी में जगह-जगह जलकुंभी और गाद के कारण पानी का बहाव रुक गया है।
चार साल से चल रहा था कान्ह को संवारने का काम, फिर वही हाल
नगर निगम ने कान्ह नदी के अलग-अलग हिस्सों को संवारने का काम चार वर्ष पहले शुरू किया था और इसके लिए बड़े पैमाने पर नदी का गहरीकरण और मच्छी बाजार से लेकर छत्रीबाग केबीच पत्थरों की दीवार मिट्टी कटाव रोकने के लिए बनाई गई थी। इन सबके बावजूद अब कान्ह नदी फिर पुराने स्वरूप में पहुंच गई है।