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50 हजार हारने के बाद छात्र ने मौत को लगाया गले, पिता बोले- मेरे लिए पैसे नहीं तुम जरूरी थे

कानपुर (Kanpur) । कानपुर में गोविंदनगर थाना क्षेत्र (Govindnagar police station area) के दादानगर, रामगंगा नहर के चैनल में रविवार को फंसा मिला शव (dead body) आर्डनेंस फैक्टरीकर्मी के इकलौते बेटे का निकला। ऑनलाइन गेम (online games) खेलने के दौरान पिता के खाते से 50 हजार रुपये हारने के बाद पत्र वह लिखकर 15 जनवरी को घर से लापता हो गया था।

पत्र में उसने नहर में कूदकर जान देने की बात कही थी। मूलरूप से छपरा, बिहार निवासी आर्डनेंस में मशीन ऑपरेटर नितेश कुमार परिवार के साथ अर्मापुर में रहते थे। उनके इकलौता बेटे नितिन (17) को ऑनलाइन गेम खेलने की लत थी। पिता के मोबाइल से ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान उसने उनके खाते से 50 हजार रुपये गंवा दिए थे।

इसे लेकर वह अवसाद में चला गया। 15 जनवरी की शाम को वह लापता हो गया। पुलिस को घर से नितिन द्वारा लिखा गया एक पत्र मिला, जिसमें उसने घर के सभी सदस्यों से माफी मांगी थी। बहनों से अपना और मां व पिता का खयाल रखने के लिए कहा था। पिता के 50 हजार रुपये गंवाने व अपनी ही नजरों में गिरने की बात लिखी थी।


अंधेरा और शव फूला होने के कारण नहीं कर सके पहचान
नितिन की गुमशुदगी दर्ज करने के बाद पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन कहीं सुराग नहीं मिला। रविवार को पुलिस को दादानगर नहर में एक अज्ञात शव मिला, जिसे मोर्चरी भेजा गया था। परिजन रविवार शाम को भी पहचान के लिए मोर्चरी गए थे, लेकिन अंधेरा और शव फूला होने के कारण पहचान नहीं कर सके थे।

गले में पड़ी रुद्राक्ष की माला से हुई पहचान
सोमवार को मोर्चरी पहुंचे पिता को फिर से शव दिखाया गया, तो उसके गले में पड़ी रुद्राक्ष की माला के जरिये शिनाख्त कर ली। बता दें कि नितिन से पहले भी ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान धोखाधड़ी हो चुकी थी। पिता ने उसे डांटा था और तीन दिन तक बात नहीं की थी। 14 जनवरी से 15 जनवरी के बीच वह फिर से ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गया।

तीन बहनों में अकेला भाई था नितिन
नितिन के शव की शिनाख्त होते ही परिवार में कोहराम मच गया। नितिन घर का इकलौता चिराग था। वह तीन बहनों प्रिया, प्रीति और कशिश के बीच इकलौता भाई था। पनकी स्थित वीरेंद्र स्वरूप इंटर कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था। बेटे की मौत खबर से मां बदहवास हो गई। मां, बहनों की हालत देख हर किसी की आंख नम हो गई।

बेटा…काश तुम समझ पाते कि मेरे लिए तुम जरूरी थे, रुपये नहीं
इकलौते बेटे का शव देखकर पिता नितेश कुमार फफक पड़े। वो अपने दोनों हाथ छाती पर लगाकर आसमान की ओर देखते हुए बोले, बेटा…काश तुम यह समझ पाते कि मेरे लिए तुम जरूरी थे, रुपये नहीं…। यह कहते हुए उनकी आंखों से आंसू बह निकले।

आत्मग्लानि में डूबा की, फिर उबर नहीं पाया
परिजनों ने बताया कि नितिन पूर्व में भी ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान रुपये हार गया था। उस वक्त पिता ने उसकी आदत सुधारने के लिए उससे कुछ दिनों तक बात नहीं की थी। बाद में उसे समझाकर माफ कर दिया था। दोबारा फिर से गलती होने पर नितिन इस कदर आत्मग्लानि में डूबा की फिर उबर नहीं पाया, जो उसके द्वारा लिखे गए पत्र से भी स्पष्ट था।

दो सप्ताह पुराना शव, फिर भी डूबने से नहीं हुई मौत
पोस्टमार्टम हाउस में सोमवार को शव को पोस्टमार्टम हुआ। सूत्रों के अनुसार डॉक्टरों ने शव के करीब दो सप्ताह पुराना होने की पुष्टि की। ऐसे में साफ है कि नितिन ने घर से निकलने के बाद ही जान दे दी होगी। वहीं, शव के फेफड़ों में करीब 400 मिली लीटर ही पानी मिला। ऐसे में डॉक्टर उसके डूबने से मौत न होने की बात कर रहे हैं। मौत का कारण स्पष्ट करने के लिए बिसरा सुरक्षित किया गया है। जहर खाने से मौत होने की आशंका जताई जा रही है।

छात्र को ऑनलाइन गेम, सट्टा खेलने की लत थी। उसके लापता होने से पहले उसके पिता के अकाउंट से 50 हजार रुपये डेबिट हुए थे। अकाउंट की जांच में जीतने पर रुपये क्रेडिट होने और हारने पर डेबिट होने के साक्ष्य मिले हैं। -विजय ढुल, डीसीपी वेस्ट

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