शिमला। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में हुए भूस्खलन हादसे में अब तक 15 के शव निकाले जा चुके हैं। शुक्रवार सुबह चार बजे फिर रेस्क्यू ऑपरेशन (rescue operation) शुरू हुआ है। गुरुवार को पहाड़ से पत्थर गिरने के कारण रेस्क्यू रोक दिया गया था। हादसे में जान गंवाने वाले पीड़ितों के परिवार गहरे सदमे में हैं। कुल्लू जिले के निरमंड निवासी लोकेंद्र सिंह वैदिक के पिता हुकुम सिंह भी हादसे का शिकार हो गए। लोकेंद्र ने फेसबुक पोस्ट (facebook post) के जरिए दर्द बयां किया। उन्होंने लिखा कि उनके पिता की सिर्फ बॉडी मिली, सिर नहीं मिला।
बुधवार को किन्नौर जिले के चौरा गांव में नैशनल हाइवे 5 पर दोपहर 12 बजे से थोड़ा पहले भूस्खलन आया। इस भूस्लखन में एचआरटीसी की बस, ट्रक, टैक्सी, बोलेरो कार और एक अन्य कार चपेट में आ गई। लोकेंद्र के पिता हुकुम सिंह बस में सवार थे। पिता की मौत पर लोकेंद्र ने फेसबुक पर लिखा, ‘पापा अब नहीं मिलेंगे। पिता के साथ एक अच्छा दोस्त भी खोया।’ उन्होंने दूसरी पोस्ट में लिखा, ‘मेरे पिता की बॉडी मिल गई है। सिर नहीं मिला।’
‘पिता का मोबाइल बंद आ रहा’
हादसे के बाद लोकेंद्र घटनास्थल पर पहुंचे थे और वहां से फेसबुक लाइव कर प्रशासन की लापरवाही उजागर की थी। लोकेंद्र ने आरोप लगाया था कि हादसा दोपहर 12 बजे हुआ और शाम 5 बजे तक रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू नहीं हुआ। इससे पहले उन्होंने फेसबुक पर मदद मांगते हुए जानकारी दी थी, ‘निगुलसरी लैंडस्लाइड में हमारे पिताजी भी लापता है जो कि मोरंग-हरिद्वार में सफर कर रहे थे। उनका मोबाइल नंबर भी बंद आ रहा है। अगर इनके बारे में किसी को कोई भी जानकारी मिले तो हमें बताएं।’
मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा
सीएम जयराम ठाकुर ने भाबानगर सीएचसी में जाकर घायलों का हालचाल लिया। इससे पहले वह घटनास्थल पर जारी रेस्क्यू ऑपरेशन का मुआयना किया। मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने कहा कि राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये देगी।
100 मीटर तक फैला बस का मलबा
राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि कुछ वाहनों के साथ ही मलबे में हिमाचल परिवहन निगम की एक बस भी दब गई थी। बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हालत में मिली है। बस जहां क्षतिग्रस्त हुई थी उस स्थल पर मौजूद बचावकर्मियों का एक विडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें एक बचावकर्मी (rescue worker) को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि बस भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 17वीं बटालियन के जवानों को मिली थी। आईटीबीपी के प्रवक्ता ने बताया, एचआरटीसी की बस का मलबा 100 मीटर तक फैला हुआ मिला।
बोलेरो वाहन का अब तक पता नहीं
गुरुवार को HRTC की बस के मलबे और पहाड़ी के नीचे से कई शव निकाले गए। एक ‘बोलेरो’ वाहन का अब तक पता नहीं चल सका है। आशंका है कि वह मलबे के साथ ही नीचे चला गया है। किन्नौर के कमिश्नर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि कई अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका है। सही आंकड़ों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।