इंदौर न्यूज़ (Indore News)

KS City ने दिया प्रशासन को धोखा

 

– 60 हजार की बजाय 6250 स्क्वेयर फीट जमीन ही सरेंडर करने का कोर्ट में लगाया आवेदन

– प्रशासन को दिए शपथ-पत्र में पूरी 1.47 एकड़ जमीन सरेंडर करने की बात कही… अब मुकरने पर रहवासी संघ भी भडक़ा… आज हो सकती है एफआईआर दर्ज
इंदौर (राजेश ज्वेल)।  देवी अहिल्या (Devi Ahilya) की कालोनी अयोध्यापुरी ( Ayodhyapuri)  में पिछले दिनों शासन ने अधिकांश जमीनों को शपथ-पत्र के आधार पर सरेंडर (Surrender) करवा लिया था, जिसमें केएस सिटी (KS City) की 1.47 एकड़ यानी लगभग 60 हजार स्क्वेयर फीट जमीन भी शामिल थी। बकायदा शपथ-पत्र पर केएस सिटी की ओर से जमीन खरीदने वाले आशीष गुप्ता (Ashish Gupta) ने शपथ-पत्र दिया, जिसमें सर्वे नम्बर 386/1/2 की रकबा 0.595 हैक्टेयर जमीन सरेंडर करने की बात स्पष्ट लिखी गई, जबकि आज कोर्ट में जो आवेदन लगाया उसमें 5 भूखंडों की 6250 स्क्वेयर फीट जमीन सरेंडर करने की बात ही गई। इससे अयोध्यापुरी रहवासी संघ भी भडक़ा और प्रशासन भी इस धोखाधड़ी के मामले में अब एफआईआर दर्ज करवाएगा।


सबसे पहले प्रशासन को अयोध्यापुरी ( Ayodhyapuri) में ही बिकी जमीनों को सरेंडर करवाने में सफलता मिली, जिसमें केएस सिटी प्रा.लि. भी शामिल रही। 23 फरवरी को नोटरीे करवाकर एक शपथ-पत्र अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर को सौंपा गया, जिसमें केएस सिटी की ओर से आशीष पिता रसनिधी गुप्ता 301 सिल्वर आर्क प्लाजा न्यू पलासिया की ओर से यह कहा गया कि देवी अहिल्या के अध्यक्ष रणवीर सुदन ने 04.04.2007 को हमारी कम्पनी केएस सिटी के पक्ष में सर्वे नम्बर 386/1/2 रकबा 0.595 हैक्टेयर के संबंध में विक्रय-पत्र निष्पादित किया और इसके एवज में कम्पनी ने 1 करोड़ 47 लाख रुपए की राशि चेक और नकद दी। हमारी जानकारी में आया कि उक्त जमीन में सदस्यों को भूखंडों आबंटित किए गए हैं। लिहाजा किसी सदस्य के साथ धोखाधड़ी ना हो और जिन सदस्य के भूखंड हमारी जमीन में आ रहे हैं, उसके संबंध में कोई क्लेम नहीं किया जाएगा और उक्त विक्रय-पत्र को सरेंडर माना जाए। इस आशय का शपथ-पत्र देने के बाद पिछले दिनों आमसभा के जरिए प्रस्ताव भी पारित किया गया, ताकि कोर्ट में आवेदन लगाकर रजिस्ट्री को शून्य करवाया जा सके, लेकिन आज जब केएस सिटी की ओर से पंचम सिविल जज वर्ग-1 के समक्ष जो आवेदन रजिस्ट्री शून्य करने के संबंध में लगाया उसमें कहा गया कि भूखंड क्र. 136, 137, 138, 139 और 162 प्रत्येक का 1250 स्क्वेयर फीट यानी कुल 6250 स्क्वेयर फीट जमीन सरेंडर की जाए, ताकि इस वाद से संबंधित विवाद समाप्त हो सके और प्रतिवादी क्रमांक 1 यानी अयोध्यापुरी ( Ayodhyapuri) रहवासी कल्याण संघ उक्त भूखंडों का अपने सदस्यों को हस्तांतरण व कब्जा दे सके। कोर्ट में केएस सिटी के मात्र 5 भूखंडों को कोर्ट में दिए गए इस आवेदन और केएस सिटी द्वारा मात्र 5 भूखंडों को सरेंडर करने के मामले की जानकारी सामने आने पर अयोध्यापुरी ( Ayodhyapuri)  रहवासी कल्याण संघ भडक़ गया और उसके पदाधिकारी गौरीशंकर लाखोटिया ने कहा कि यह तो सरासर धोखाधड़ी है। जब प्रशासन को पूरी 1.47 एकड़ जमीन सरेंडर करने का शपथ-पत्र दिया और अब मात्र 5 भूखंड ही सरेंडर करने का आवेदन कोर्ट में लगा दिया। लिहाजा इस मामले में केएस सिटी के कर्ताधताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। इधर प्रशासन को भी इस धोखेबाजी की जानकारी मिली है और वह भी संभवत: आज एफआईआर दर्ज करवाएगा, क्योंकि कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने स्पष्ट कहा था कि जो जमीनें कोर्ट के जरिए भी सरेंडर कर देंगे उनके खिलाफ एफआईआर नहीं करवाएंगे, लेकिन जो बाज नहीं आएंगे उन्हें बख्शेंगे नहीं।

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