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इस राज्य में ई-वे बिल के लिए ₹1 लाख की लिमिट दोबारा लागू , पुरानी व्यवस्था बहाल

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में ई-वे बिल को लेकर एक लेटेस्ट अपडेट है। यहां की राज्य सरकार ने राज्य के भीतर माल आवाजाही के लिए ई-वे बिल की लिमिट को एक लाख रुपये से घटाकर 50,000 रुपये करने के आदेश को स्थगित कर दिया है और साथ ही पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी है। भाषा की खबर के मुताबिक, एक बड़े अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

पश्चिम बंगाल के जीएसटी आयुक्त खालिद अनवर ने कहा कि ई-वे बिल से जुड़े कुछ मसलों पर हितधारकों का पक्ष सुनने के बाद सरकार ने सार्वजनिक हित में यह फैसला किया है। अनवर ने कहा कि नवंबर के मध्य में ई-वे बिल की सीमा घटाने वाली नोटिफिकेशन को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है। आपको बता दें, इस तरह राज्य के भीतर माल आवाजाही की सीमा पहले की तरह एक लाख रुपये बनी हुई है।


पश्चिम बंगाल के जीएसटी आयुक्त ने कहा कि पहले जारी नोटिफिकेशन को स्थगित रखने के साथ ही अब पश्चिम बंगाल के भीतर माल ले जाने के लिए किसी भी ई-वे बिल की जरूरत नहीं होगी। राज्य के भीतर आवाजाही के लिए ई-वे बिल सीमा को एक लाख रुपये से घटाकर 50,000 रुपये करने के पीछे राज्य सरकार का मकसद इसे राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक ढालने के साथ जीएसटी में चोरी को भी रोकना था।

पश्चिम बंगाल वितरक महासंघ के प्रमुख सुशील पोद्दार ने इसको लेकर कहा था कि ई-वे बिल की लिमिट को 50,000 रुपये करने से छोटे और सीमांत कारोबारियों पर गैरजरूरी बोझ पड़ेगा। ई-वे बिल सिस्टम जीएसटी रजिस्टर्ड व्यक्ति/नामांकित ट्रांसपोर्टर के लिए है, जो रुपये से अधिक मूल्य के माल की आवाजाही शुरू होने पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से ई-वे बिल (वाहन के प्रभारी व्यक्ति द्वारा ले जाने वाला एक दस्तावेज) तैयार करता है।

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