इंदौर। शराब दुकानों की नीलामी की प्रक्रिया इंदौर सहित अधिकांश जिलों में चल रही है। अभी इंदौर जिले की ही 34 देसी-विदेशी शराब की दुकानें बची हैं, जिन्हें ई-टेंडर के माध्यम से 13 मार्च तक नीलाम किया जाना है। वहीं 80 फीसदी दुकानों को 20 प्रतिशत अधिक मूल्य पर नवीन करने का विकल्प दिया गया, उसमें भी इंदौर में सफलता मिली है। वहीं शासन ने 10 फीसदी वैट टैक्स भी बढ़ा दिया, जिसके चलते आगामी वित्त वर्ष में शराब के दामों में 15 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी।
शराब की कीमतें भले ही हर साल बढ़ती रहे मगर दूसरी तरफ उसकी खपत में कमी होने के बजाय उल्टा बढ़ोतरी हो रही है। इस बार भी शासन ने अपनी आबकारी नीति में वर्तमान शराब ठेकेदारों को ही यह विकल्प दिया कि वे 20 प्रतिशत अधिक दर पर अपनी दुकानों का आगामी वित्त वर्ष के लिए नवीनीकरण करा सकते हैं, जिसके चलते इंदौर जिले में 80 की बजाय 83 फीसदी बढ़ा हुआ राजस्व 139 दुकानों पर प्राप्त हुआ और 1476 करोड़ रुपए की ये दुकानें नीलाम हो गई। अब सिर्फ 13 समूह की 34 दुकानें बची है, जिनका आरक्षित मूल्य 304 करोड़ रुपए आंका गया है।
हालांकि दूसरी बार भी इन दुकानों को नीलाम करनेमें सफलता नहीं मिली। नतीजतन तीसरी बार यह प्रक्रिया शुरू की गई है। इस बार पूरे जिले का आरक्षित मूल्य 1781 करोड़ 51 लाख रुपए तय किया गया, जिसमें से 139 दुकानों के नवीनीकरण प्रस्तावों के चलते 1476 करोड़ का राजस्व मिलना तो सुनिश्चित हो गया है। दूसरी तरफ शासन ने 10 प्रतिशत वैल्यू एडिट टैक्स बढ़ाने का भी निर्णय लिया, जिसके चलते प्रति प्रूफ लीटर 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी। हालांकि आबकारी विभाग का कहना है कि शराब कम्पनियां मनमाने तरीके से दाम नहीं बढ़ा सकेगी। मगर 20 फीसदी अधिक मूल्य पर दुकानें लेने वाले ठेकेदार अवश्य दाम बढ़ाएंगे।
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