जिंदगी बचाने के लिए अल सुबह बने 2 ग्रीन कॉरिडोर
6 बजकर 9 मिनट पर पहला तो 6 बजकर 20 मिनट में दूसरा कॉरिडोर बना
इन्दौर। अंगदान के जरिये जरूरतमंद मरीजों को नया जीवन देने के लिए शहर में आज अलसुबह 6 बजे से लेकर 6 बजकर कर 30 मिनट के बीच 2 ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए । इंदौर शहर स्वच्छता के मामले में नम्बर वन बनने के साथ ही अब अंगदान के मामले भी देश मे नम्बर वन बनने की दौड़ में शामिल हो चुका है। आज शहर के निजी अस्पतालों में 44वीं बार अंगदान के बाद जीवन-मृत्यु से संघर्ष कर रहे मरीजों को लीवर व किडनी प्रत्यारोपित किये जायेंगे।
आज सुबह लगभग 6 बजकर 9 मिनट पर शैल्बी हॉस्पिटल से लेकर टी. चोइथराम हॉस्पिटल तक और 6 बजकर 20 मिनट पर एलआईजी चौराहे स्थित निजी अस्पताल तक ट्रैफिक एडिशनल एसपी अनिल पाटीदार व टीआई दिलीप परिहार के नेतृत्व में 2 ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। महज 9 मिनट यानी 6 बजकर 18 मिनट में लीवर चोइथराम हॉस्पिटल तो किडनी 6 बजकर 23 मिनट में एलआईजी चौराहा के दूसरे निजी अस्पताल में पहुंच चुके थे। 52 वर्षीय ग्राम दसोड़ा जिला खरगोन निवासी मायाचंद्र बिरला की ब्रेन हेमरेज से मौत के पहले न्यूरो सर्जन डॉ अभिषेक सोनगरा द्वारा परिवार को संभावित ब्रेनडेथ के लक्षण की जानकारी दी गई। परिवार की रजामंदी पर लीवर चोइथराम हॉस्पिटल के एक रोगी को किडनी एवं दूसरी किडनी एलआईजी चौराहा स्थित एक निजी हॉस्पिटल के मरीज को देने का निर्णय लिया गया था। इस सारे मामले में शेल्बी हॉस्पिटल के डॉ विवेक जोशी हेमलता सिंह एवं संपूर्ण टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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