- प्रमुख सचिव 8 को करेंगे बिजली इकाइयों के खराब प्रदर्शन की समीक्षा
- रबी सीजन की बिजली उपलब्धता समेत पांच बिंदु पर होगा फोकस
भोपाल। बिजली उत्पादन इकाइयों में बार-बार आ रही तकनीकी खराबी से उत्पादन बाधित हो रहा है। जिस वजह से मध्य प्रदेश पावर जनरेशन कंपनी को करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में रबी सीजन के दौरान बिजली की उपलब्धता पर संदेह बन रहा है। ऐसी तमाम बातों को लेकर प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे आठ सितंबर को मध्य प्रदेश पावर जनरेशन कंपनी की समीक्षा करने जबलपुर जाएंगे। बैठक में पांच बिंदु पर चर्चा होगी। बिजली उत्पादन इकाइयों के प्रदर्शन से जुड़े आकड़ों का अध्ययन खुद प्रबंधन कर रहा है, ताकि समीक्षा बैठक में सारे तथ्य पेश किए जा सके।
समीक्षा बैठक में मप्र पावर जनरेशन कंपनी के सभी विभाग प्रमुखों को बुलाया गया है। उन्हें बैठक के बिंदु पर पूरा जवाब तैयार करके लाने को कहा गया है। बैठक के एक दिन पहले ही सभी को मुख्यालय में बुलाया गया है। श्री संत सिंगाजी ताप गृह में तीन इकाइयां बंद हैं। इसमें तीन नंबर 660 मेगावाट की इकाई में सुधार का कार्य पूरा होने में करीब ढाई माह का वक्त लगेगा। फिलहाल इकाई की टरबाइन खोलकर गुजरात सुधार कार्य के लिए भेजा गया है। वहीं, दो नंबर इकाई 600 मेगावाट क्षमता की यह भी बंद पड़ी हुई है। ऐसे में रबी सीजन से पहले यदि दोनों इकाइयों से बिजली उत्पादन प्रारंभ नहीं हुआ तो प्रदेश को बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करना मुश्किल हो जाएगा। इधर, सिरमौर का हाइड्रल प्लांट से भी बिजली का उत्पादन पहले ही बंद पड़ा हुआ है। इन सभी स्थानों पर तकनीकी खराबी आई है, जबकि करोड़ों रुपये इस इकाइयों के रखरखाव पर खर्च किया गया है।
इन बिंदु पर होगी बात
- बिजली उत्पादन इकाइयों के वर्ष 2022-23 में बिजली करार की तुलना में उत्पादन का प्रदर्शन
- इकाइयों का एनर्जी आडिट की स्थिति।
- इकाइयों के सालाना रखरखाव के दौरान इकाइयों में हुए कार्य, तय अवधि से विलंब की वजह और प्रदर्शन का आंकलन।
- रबी सीजन के लिए तैयारी
- इकाइयों से जुड़ी अन्य जानकारी