उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

दो वर्ष बाद महाकाल की भव्य सवारी

  • डीजे के साथ ही केले, चाकलेट और खाद्य सामग्री नहीं बाँटी जा सकेगी-कलेक्टर ने बैठक के बाद निर्माण कार्यों को देखा

उज्जैन। कोरोना के कारण पिछले दो साल से महाकाल की सवारी परिवर्तित मार्ग से निकल रही थी और इसमें रस्सा पार्टी की आवश्यकता नहीं पड़ रही थी। इस बार सवारी परम्परागत मार्ग से निकलेगी और एक बार फिर भगवान महाकाल की पालकी रस्सा पार्टी के घेरे में नगर भ्रमण करती नजर आएगी। सवारी में डीजे को इस बार प्रतिबंधित कर दिया गया है।
कलेक्टर आशीष सिंह ने गुरुवार को महाकालेश्वर सवारी की व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों, समिति सदस्यों व पुजारियों के प्रतिनिधियों की त्रिवेणी संग्रहालय में बैठक ली जिसमें उन्होंने कहा कि महाकाल सवारी में डीजे का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि वे सवारी के आगे-आगे केले, नारियल, चॉकलेट एवं अन्य खाद्य सामग्री का वितरण नहीं करें। दो साल के अंतराल के बाद सवारी में पुन: रस्सा पार्टी को तैनात किया जा रहा है। बैठक में कलेक्टर ने कर्कराज पार्किंग का कार्य आगामी दो दिवस में पूर्ण करने को कहा। बैठक में बताया गया कि कर्कराज क्षेत्र की पार्किंग का आधा कार्य पूर्ण हो चुका है। कलेक्टर ने भील धर्मशाला का उपयोग पार्किंग के लिये आज से ही करने के लिए कहा। बैठक में बताया गया कि महाकालेश्वर मन्दिर पहुंचने के लिये शहर में व्यवस्थित संकेतक (साइनेज) लगा दिये गये हैं।



कलेक्टर ने शीघ्र दर्शन की लाइन के लिये अलग से व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही नृसिंह घाट से आने वाले श्रद्धालुओं के लिये आवश्यकता पडऩे पर दातार अखाड़े वाली गली का उपयोग करने के लिये भी कहा गया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि सभा मण्डप में पूजन के समय संख्या सीमित की जाये। साथ ही पालकी द्वार के आगे भी संख्या को सीमित रखा जाये। यहां पर नागपंचमी के लिये बनाये जा रहे अस्थाई पुल के पीलर भी खड़े किये जा रहे हैं। प्रोटोकाल व्यवस्था प्रत्येक सवारी वाले दिन दोपहर 2.30 बजे से 4.30 बजे तक एवं शाम 6 से 7.30 बजे तक बन्द रहेगी। रामघाट पर होने वाले पालकी पूजन के लिये झालरिया मठ से नाव में सवार होकर पुजारीगण रामघाट पहुंचेंगे। बैठक के बाद कलेक्टर श्री आशीष सिंह एवं अधिकारियों व समिति के सदस्यों द्वारा महाकाल मन्दिर परिसर एवं अन्य स्थानों पर लगाये गये बेरिकेटिंग व दर्शन व्यवस्था का निरीक्षण किया गया।

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