कोलकाता। भवानीपुर विधानसभा सीट से इस बार ममता बनर्जी (Mamta Banarji) की जगह राज्य के बिजली मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय (Sovandeb Chattopadhyay) TMC के उम्मीदवार बनाए गए हैं। 77 साल के दिग्गज नेता शोभनदेव जाने-माने बॉक्सर रहे हैं। वो कोलकाता के भद्रलोक समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। शोभनदेव एक ऐसे नेता हैं जो चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष के नेताओं के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वो एक सभ्य चुनाव प्रचार पर विश्वास करते हैं। हाल ही पीएम मोदी के ममता बनर्जी के खिलाफ ‘दीदी ओ दीदी’ वाले कमेंट से वो खुश नहीं हैं।
भवानीपुर में अपने घर पर एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘पीएम जिस तरीके से हमारी सीएम पर आरोप लगा रहे हैं वो ठीक नहीं है। हमारी महिला वोटर इससे नाराज़ हैं। ये बहुत ही खराब शब्द है। वो देश की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हैं। उन्हें इस तरह के शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था। मोदी और अमित शाह देश के अहम मंत्री है। वो इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते। आप देखिएगा महिला वोटर ममता का समर्थन करेंगी।’
शोभनदेव ने जताई नाराजगी
पीएम मोदी ने हाल के दिनों में चुनाव प्रचार के दौरान दानव और दुर्योधन जैसे कठोर शब्दों का भी इस्तेमाल किया है। इस मुद्दे पर शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा, ‘दानव एक बुरा शब्द नहीं है, इसका इस्तेमाल साहित्य में भी किया जाता है। लेकिन पीएम जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं उसकी विपरीत प्रतिक्रिया भी होती है।’ बता दें कि रविवार को ममता बनर्जी ने शोभनदेव के लिए रोड शो भी किया। उन्हें उम्मीद है की टीएमसी को भवानीपुर और नंदीग्राम दोनों जगहों से जीत मिलेगी।
‘मेरी जीत पक्की है’
भवानीपुर में चारों तरफ लगे पोस्ट से दिखता है कि ममता और शोभनदेव के बीच आपस में काफी अच्छे रिश्ते हैं। उन्होंने कहा, ‘ ये पिछले 10 वर्षों से ममता बनर्जी की सीट है इसलिए मुझे बहुत मजबूती से लड़ना है। मैं इस निर्वाचन क्षेत्र को अवश्य जीतूंगा। मुझे कोई चुनौती नहीं दिखती क्योंकि बनर्जी ने इस निर्वाचन क्षेत्र में 10 साल तक सेवा करके मेरे लिए इसे आसान बना दिया है। ये सीट मेरा जन्मस्थान भी है।’ पिछले 59 सालों से शोभनदेव की राजनीति में मजबूत पकड़ रही है। साल 1991 से लेकर अब तक उन्हें 7 चुनावों में लगातार जीत मिली है। साल 1998 में दक्षिण कोलकाता की रासबिहारी सीट से जीत कर वो टीएमसी के पहले विधायक बने थे। उन्होंने कहा, ‘ये मेरा आठवां चुनाव है। मुझे पूरा अनुभव है।’
भवानीपुर की चुनौती
शोभनदेव ने कहा कि उन्हें रासबिहारी की तरह भवानीपुर से भी बेहद लगाव है, उन्होंने कहा, ‘ मैंने 1962 में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। तब से 1991 तक मैंने इस क्षेत्र की सेवा की और लोग मुझे बहुत अच्छे से जानते हैं। मैं भारतीय जूनियर मुक्केबाजी टीम का कप्तान भी रहा हूं। लोग मुझे बॉक्सर शोभन कहते थे। मेरी कॉलेज की और मेरी स्कूली शिक्षा भवानीपुर क्षेत्र में हुई है। बनर्जी संघर्ष से निकल कर सामने आई हैं। उन्होंने नंदीग्राम से अपना संघर्ष शुरू किया, इसलिए जब वहां के लोगों ने उससे वहां से लड़ने का अनुरोध किया, तो उन्होंने तुरंत इसे स्वीकार कर लिया। उन्होंने टीएमसी के लिए भवानीपुर को जीतने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ कॉमरेड और कार्यकर्ता चुना है।’
जीत की उम्मीद
भवानीपुर को मिनी इंडिया के तौर पर जाना जाता है। गुजराती और पंजाबी वोटरों के चलते यहां बीजेपी को जीत की उम्मीद जगी है। मतदाताओं से बात की और कुछ गुजराती मतदाताओं ने ममता बनर्जी पर आपत्ति जताई। शोभनदेव कहा, ‘यह सीट सभी धर्मों और जातियों के साथ एक मिनी-इंडिया है। सभी मजदूर और स्वीपर (SC) पहले मेरे संघ के थे और वे मेरे समर्थक थे। मैं बहुत से स्थानीय गुजरातियों से मिला हूं, उन्हें समझाने के लिए और वे कहते हैं कि आप एक स्थानीय व्यक्ति हैं इसलिए मेरे लिए जीतना बेहतर होगा।’