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नई CWC में कई वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेताओं की हो सकती है छुट्टी, इन 5 मुद्दों पर मल्लिकार्जुन खड़गे परेशान

नई दिल्‍ली (New Delhi) । सामाजिक न्याय के नए अध्याय की शुरुआत करते हुए पार्टी ने कांग्रेस कार्यसमिति (congress working committee) में एससी/एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और महिलाओं को आरक्षण (Reservation) देने का वादा किया है। इस निर्णय के बाद सीडब्ल्यूसी पूरी तरह बदल जाएगी। नई सीडब्ल्यूसी में पार्टी के पास वरिष्ठ और युवाओं के बीच तालमेल के साथ क्षेत्रीय क्षत्रपों, कमजोर वर्गों, आदिवासी, महिला प्रतिनिधित्व और अल्पसंख्यकों के बीच संतुलन बनाने का बेहतर मौका होगा।

पार्टी ने संविधान में संशोधन कर सीडब्ल्यूसी के सदस्यों की संख्या भी 23 से बढ़ाकर 35 कर दी है। सदस्यों की संख्या में वृद्धि के बावजूद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए आरक्षण के प्रावधानों पर अमल करते हुए पार्टी के सभी नेताओं को साथ लेकर चलना आसान नहीं होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि युवाओं और महिलाओं को जगह देने के लिए लंबे वक्त से सीडब्ल्यूसी के सदस्य रहे कई वरिष्ठ नेताओं की छुट्टी हो सकती है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, पार्टी ने संविधान संशोधन कर हर स्तर पर आरक्षण का प्रावधान किया है, तो इसका पालन किया जाएगा। पार्टी के सामने मुश्किल यह है कि मौजूदा संचालन समिति में अध्यक्ष सहित 50 सदस्य हैं। इनमें से सिर्फ दो सदस्य देवेंद्र यादव 50 वर्ष और बी माणिकम टगौर 47 वर्ष के हैं। ऐसे में 50 फीसदी हिस्सेदारी 50 वर्ष से कम आयु के नेताओं को देने के लिए कई वरिष्ठों को कुर्बानी देनी होगी।


दूसरी पंक्ति के अनुभवी नेता कम
कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि उसके पास दूसरी पंक्ति के अनुभवी नेता कम हैं। ऐसे में सीडब्ल्यूसी में सामाजिक न्याय का पालन करते हुए 50 वर्ष से कम उम्र के 50 फीसदी सदस्य तलाशना आसान नहीं है। महिला सदस्यों के लिए भी यही मुश्किल है। संचालन समिति में सोनिया गांधी सहित छह महिलाएं हैं। सभी की उम्र 50 वर्ष से ज्यादा है। ऐसे में 50 से कम उम्र की महिलाओं को जगह देने के लिए कुछ की छुट्टी करनी होगी।

दावा नकारना मुश्किल
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर जी-23 के असंतुष्ट नेताओं को भी सीडब्ल्यूसी में जगह देने का दबाव है। वरिष्ठ नेता शशि थरूर अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़गे को टक्कर दे चुके हैं। ऐसे में थरूर को सीडब्ल्यूसी में जगह नहीं मिलती है, तो इससे गलत संदेश जाएगा। पार्टी ने सीडब्ल्यूसी के सदस्यों की संख्या में वृद्धि आनंद शर्मा के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए की है। ऐसे में उनका और जी-23 के अन्य नेताओं का दावा नकारना मुश्किल होगा।

सभी प्रदेशों को प्रतिनिधित्व देने का भी दबाव
इस सबके बीच पार्टी पर सीडब्ल्यूसी में लगभग सभी प्रदेशों को प्रतिनिधित्व देने का भी दबाव रहेगा। पार्टी नेता मानते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पास कुछ नेताओं को स्थायी आमंत्रित सदस्य के तौर पर नामित करने का अधिकार है पर ज्यादातर वरिष्ठ नेताओं की कोशिश होगी कि वह सीडब्ल्यूसी के सदस्य बने। इसके लिए उन्होंने कोशिश भी शुरू कर दी है। इस बीच, माना जा रहा है कि केसी वेणुगोपाल पार्टी महासचिव के तौर पर संगठन का प्रभार संभालते रहेंगें। उनकी जिम्मेदारी बदलने की उम्मीद कम है।

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