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किसानों और प्रशासन के बीच बैठक शुरू, कुछ देर बाद होगी संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस

चंडीगढ़। 28 अगस्त को बसताड़ा टोल (Bastara Toll) पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज (lathi charge) और एसडीएम आयुष सिन्हा (SDM Aayush Sinha) के खिलाफ सख्त कार्रवाई समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच चल रहे टकराव पर आज अहम फैसला हो सकता है। शुक्रवार रात को खत्म हुई अतिरिक्त मुख्य सचिव और किसान नेताओं के बीच बैठक का अगला दौर सुबह 9 बजे शुरू होना था हालांकि बरसात के कारण इसमें देरी हो गई है।

बैठक शुरू
करनाल प्रशासन (Karnal Administration) और किसानों (farmers) के बीच बैठक शुरू हो गई है। वहीं बरसात के कारण करनाल जिला सचिवालय के गेट के सामने धरने पर बैठे किसानों के टेंट के अंदर पानी भर गया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि मीटिंग के बाद करनाल में किसानों का धरना खत्म हो जाएगा। बैठक के बाद प्रशासन और किसान नेताओं की संयुक्त प्रेस कांन्फ्रेंस (joint press conference) होगी।

इसके बाद किसान नेता बैठक के तमाम बिंदुओं को लेकर आज ही होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में अन्य किसान नेताओं के समक्ष रखेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक करनाल में दोपहर तीन बजे आयोजित होगी। इस बैठक में अफसरों के साथ हुई बैठक के तमाम बिंदुओं और सरकार के अंतिम निर्णय पर चर्चा की जाएगी और अगला निर्णय लिया जाएगा।


शुक्रवार देर रात चली थी बैठक
इससे पहले शुक्रवार देर रात तक अफसरों और किसानों की बैठक चली। सरकार के निर्देश पर किसानों से बातचीत करने के लिए शुक्रवार को कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) देवेंद्र सिंह करनाल पहुंचे हुए थे। जबकि किसानों की ओर से इस बैठक में भाकियू हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत पंद्रह सदस्यीय कमेटी के किसान नेता भी शामिल थे।

डीसी की जांच से किसान संतुष्ट नहीं
लगभग चार घंटे तक चली इस बैठक में वायरल वीडियो में लाठीचार्ज की बात कर रहे एसडीएम के खिलाफ सख्त कार्रवाई, इस मामले की न्यायिक जांच, मृतक किसान सुशील काजल के आश्रितों को मुआवजा व नौकरी,  और अन्य गंभीर घायल किसानों को मुआवजा इत्यादि की मांग पर किसान अड़े रहे। उधर, एसीएस देवेंद्र सिंह ने भी किसानों से हठधर्मिता छोड़कर इस समस्या के सकारात्मक हल की ओर बढ़ने की अपील की। इस पर किसानों नेताओं ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार इस मामले की जांच करवाना चाहती है तो इसकी न्यायिक जांच करवाई जाए।

मुख्य सचिव के आदेश पर डीसी करनाल द्वारा जो जांच की जा रही है, उससे किसान संतुष्ट नहीं है। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान किसानों को शांत करने के लिए इस प्रकरण की न्यायिक जांच करवाने के लिए अफसरों का रुख सकारात्मक दिखाई दिया। प्रकरण की जांच रिटायर्ड न्यायाधीश से करवाई जा सकती है। लेकिन अभी इस बात की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। बैठक में अन्य मांगों पर भी अफसरों की ओर से रुख सकारात्मक दिखाई दिया।

इसलिए हुआ था टकराव
28 अगस्त को किसानों ने करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता वाली भाजपा की प्रदेश स्तरीय बैठक का विरोध करने का एलान किया था। इसके लिए किसान एकजुट भी हो गए थे। लेकिन शहर को पुलिस प्रशासन ने पूरी तरह सील कर दिया था। इसलिए किसानों का जमावड़ा नेशनल हाईवे स्थित बसताड़ा टोल पर लग गया।

वहीं पुलिस और किसानों के बीच टकराव हुआ और  पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया। उधर, तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा का लाठीचार्ज करने का आदेश देते हुए का वीडियो वायरल हो गया। जिससे किसान नाराज हो गए। इसी के विरोध में 7 सितंबर को करनाल में किसान महापंचायत हुई। जिसके बाद उसी दिन शाम को हजारों किसानों ने लघु सचिवालय पर डेरा जमा दिया। मसले को निपटाने के लिए दो वार्ता बेनतीजा रह चुकी हैं। अब इस वार्ता से हल निकलने के आसार दिख रहे हैं।

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