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मेहुल चोकसी का दावा- भारतीय अधिकारियों के ‘कहने’ पर हुई डोमिनिका में गिरफ्तारी

नई दिल्ली. भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) ने आरोप लगाया कि डोमिनिका (Dominica) में अवैध प्रवेश के लिए उसकी गिरफ्तारी भारत सरकार के प्रतिनिधियों के ‘कहने’ पर हुई. उसने अपने खिलाफ कार्यवाही रद्द करने की मांग करते हुए रोसीयू के हाईकोर्ट में एक मामला दर्ज कराया है.

वहां स्थानीय मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, कैरेबियाई देश के आव्रजन मंत्री, उसके पुलिस प्रमुख और मामले के जांच अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. चोकसी भारत से फरार होने के बाद 2018 से एंटीगा एंड बारबुडा में रह रहा है और वह वहां से लापता हो गया था तथा उसे अवैध प्रवेश के लिए 23 मई को पड़ोसी देश डोमिनिका में गिरफ्तार किया गया था. डोमिनिका के आव्रजन मंत्रालय ने उसे प्रतिबंधित आव्रजक घोषित कर दिया. वह पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये के घोटाले के संबंध में वांछित है.

हीरा कारोबारी ने डोमिनिका में हाईकोर्ट का रुख करते हुए आरोप लगाया कि रोसीयू में कार्यवाहक पुलिस प्रमुख लिंकन कॉर्बेट और जांच अधिकारी सर्जेंट एलीने का अवैध प्रवेश के लिए उस पर आरोप लगाना ‘उनके स्वतंत्र निर्णय का नतीजा नहीं है.’ चोकसी ने आरोप लगाया, ‘उन्होंने तीसरे पक्ष भारत सरकार के प्रतिनिधियों के कहने पर ऐसा किया.’ डोमिनिका के मीडिया संगठन ‘नेचर आइले न्यूज’ के अनुसार, अपने खिलाफ कार्यवाही को रद्द करने की मांग करते हुए चोकसी ने हाईकोर्ट में कहा कि उस पर अवैध प्रवेश के आरोप लगाने का फैसला कानून का उल्लंघन है और परिणामस्वरूप अवैध है.

चोकसी ने कहा कि वह एंटीगा एंड बारबुडा का नागरिक है जहां उसने अपने प्रत्यर्पण के कदम को चुनौती दी है. उसने दावा किया कि भारतीय लोगों ने उसे एंटीगा एंड बारबुडा से अगवा किया तथा जबरन डोमिनिका लेकर आए. चोकसी ने दावा किया कि उसने डोमिनिका पुलिस को अपनी परेशानी बतायी थी लेकिन उन्होंने आरोपों की कोई जांच नहीं की. चोकसी ने कहा, ‘आवेदक की गिरफ्तारी और उस पर मुकदमा चलाना अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग है क्योंकि आवेदक पर आरोप लगाने वाली पुलिस उसके अपहरणकर्ताओं के साथ मिली हुई है और उसने याचिकाकर्ता का डोमिनिका में जबरन प्रवेश कराया.’

उसके वकील ने मंगलवार को मजिस्ट्रेट अदालत को बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. चोकसी ने अवैध प्रवेश के लिए अपने खिलाफ लगाए ‘आपराधिक आरोपों पर स्थाई रोक लगाने वाला आदेश’ देने का अनुरोध किया है. वेबसाइट पर प्रकाशित खबर के अनुसार, उसने अदालत से आदेश देने का अनुरोध करते हुए कहा कि आव्रजन और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री का उसे गैरकानूनी आव्रजक घोषित करना नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है और अवैध है.

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