नई दिल्ली: यूक्रेन (Ukraine) में रूसी बमबारी से हर तरफ दहशत मची है. लोग अफरा तफरी में इधर से उधर भाग रहे हैं लेकिन यूक्रेन तक किसी भी पश्चिमी देशों की सैन्य सहायता सीधे नहीं पहुंच रही है. रूस पर सैन्य कार्रवाई के अलावा पश्चिमी देश हर तरह के प्रतिबंधों (Sanction) की घोषणा करने में लगे हुए हैं. कल अमेरिका (America), ब्रिटेन (Britain) सहित कई देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा की थी और अब अमेरिकी कंपनियां भी इन प्रतिबंधों को आगे बढ़ाने में लग गई है. फेसबुक ने रूस सरकार की स्वामित्व वाली रूसी मीडिया को फेसबुक के माध्यम से विज्ञापन देने और किसी भी रूप में इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर पैसा कमाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. फेसबुक ने रूस द्वारा फेसबुक के सीमित एक्सेस के बाद जवाब में यह कदम उठाया है.
कल रूस ने फेसबुक (Facebook) द्वारा रूसी मीडिया को प्रतिबंधित करने के बाद अपने देश में इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आंशिक रूप से सीमित कर दिया था. फेसबुक के सिक्योरिटी पॉलिसी के प्रमुख नथानिएल ग्लिशेर (Nathaniel Gleicher) ने ट्वीट कर कहा, हमने रूसी सरकार की स्वामित्व वाली मीडिया को फेसबुक पर किसी भी तरह से पैसा कमाने के स्रोत को बंद कर दिया है. रूसी मीडिया फेसबुक के माध्यम से अब विज्ञापन नहीं दे सकेंगे.
लेबलिंग करना जारी रखेगा फेसबुक
नथानिएल ग्लिशेर ने कहा है कि हम रूसी मीडिया को अतिरिक्त तरीके से लेबलिंग करना जारी रखेंगे. फेसबुक में यह बदलवा पहले से ही शुरू हो चुका है और हम इसे सप्ताहांत तक जारी रखेंगे. नथानिएल ग्लिशेर ने अगले ट्वीट में लिखा है, हम यूक्रेन संकट पर लगातार पैनी नजर बनाए हुए हैं और गंभीरता से इसकी निगरानी कर रहे हैं. हम अपने प्लेटफॉर्म पर लोगों की सुरक्षा के लिए जो भी कदम उठाएंगे उसकी जानकारी देते रहेंगे. दरअसल, फेसबुक की कंपनी मेटा पर रूसी मीडिया की गलत खबरों को लेबलिंग करने का अमेरिकी दबाव है.
रूसी मीडिया पर भी दबाव
उधर रूस ने भी घरेलू मीडिया पर दबाव बढ़ा दिया है. बीबीसी की खबर के मुताबिक यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर किसी भी तरह की गलत खबर देने पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी जा रही है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने भी कहा है कि उसने यूक्रेन संकट के बाद सेफ्टी और इंटेग्रिटी टीम को सक्रिय कर दिया है जिससे भ्रामक सूचनाओं को हतोत्साहित किया जा रहा है. इससे पहले फेसबुक ने कहा था कि उसने यूक्रेन पर हमले के बाद रियल टाइम में स्पेशल ऑपरेशन सेंटर बनाया है. इसमें विशेषज्ञों की टीम को लगाया गया है जिसमें स्थानीय लोगों को भी रखा गया है ताकि हालात पर निगरानी कर रियल टाइम में सुरक्षा मानकों का पालन करें.