भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

बीमार कर सकती है मानसून की पहली बारिश

  • यह अम्लीय वर्षा मानी जाती जो करती बीमार

भोपाल। मानसून से पहले होने वाली बारिश को अम्लीय वर्षा भी कहा जा सकता है। क्योंकि गर्मी के मौसम में जमीन से उठने वाला वायु प्रदूषण आसमान में जमा होता है। ऐसे में बारिश होने पर आसमान में जमा प्रदूषण के जहरीले कण जमीन पर आते हैं। इन हानिकारक तत्वों के कारण पहली बारिश को अम्लीय बारिश कहा जाता है। जो कई तरह के रोग पैदा करती है। मौसम की पहली बारिश उच्च प्रदूषकों और अन्य जहरीले तत्वों के कारण अम्लीय होती है।



वायुमंडलीय गैसें जैसे सल्फर डाइओक्साइड, ट्राइआक्साइड जब पानी में घुल जाती हैं तो सल्फ्यूरिक और अन्य एसिड बन जाते हैं जो गंजे पैच, एलोपीशिया एरिएटा , ब्रिटल हेयर, डर्मटाइटिस आदि का कारण बनते हैं। पानी में मौजूद प्रदूषक तत्वों और रसायन त्वचा और बालों के खराब होने की वजह बन सकती है। यही वजह है कि भीगने के बाद तुरंत शोवर की लेने के लिए कहा जाता है। पहली बारिश तापमान में अत्यधिक अंतर हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बदलने की वजह बन सकता है और हमें कई अन्य विकारों से भी ग्रस्त करती है। पहली बारिश भले ही राहत देने वाली हो पर इसमें भीगने से बचना जरुरी होता है। इसलिए कहा जाता है कि प्री मानसून वाली बारिश से बचें और मानसून आने पर ही बारिश का आनंद लें। डाक्टरों का भी यही कहना होता है कि मानसून से पहले होने वाली पहली बारिश में जरुरत पडऩे पर भी भीगने से बचें। मौसम की पहली बारिश आमतौर पर अशुद्ध होती है, जिससे वातावरण में मौजूद धूल के कण, कीटाणु, बैक्टीरिया और घुली हुई गैसें नीचे आ जाती हैं। इसलिए, इन बारिशों का आनंद लेना आपके सेहत के लिए सही नहीं है। बारिश में भीगने की इच्छा पूरी करने के लिए मानसून की प्रतीक्षा करें।

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