नई दिल्ली (New Delhi)। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश चुनावों के लिए पहली सूची जारी कर दी है। राज्य की कुल 230 विधानसभा सीटों (MP assembly elections) में से 144 सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। तो दूसरी ओर लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन इंडिया की एकता में गहरी दरार पड़ गई है।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में छह सीटों पर सहमति के बावजूद कांग्रेस ने सपा से किनारा कर लिया। पार्टी ने रविवार को जिन 144 सीटों पर उम्मीदवार उतारे उनमें सपा की जीती हुई सीट भी शामिल है। इससे नाराज सपा ने नौ सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद अब तीन दर्जन उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है।
दरअसल, उम्मीदवारों की सूची जारी करने से पहले कमलनाथ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच हुई बातचीत में सपा को छह सीटें देने पर सहमति बनी थी, हालांकि सहमति के बावजूद रविवार को कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली सूची में सपा की जीती हुई सीट बिजावर ही नहीं बल्कि भांडेर, कटंगी, राजनगर से भी उम्मीदवार उतार दिए। जबकि बातचीत में इन सीटों को सपा को देने का फैसला हुआ था।
कांग्रेस की वादाखिलाफी से नाराज सपा ने अब कम से कम तीन दर्जन सीटों पर उम्मीदवार उतारने का मन बनाया है। इस क्रम में पार्टी ने रविवार को ही नौ सीटों पर उम्मीदवार उतारे। इनमें से चार सीटें ऐसी हैं जिस पर कांग्रेस भी उम्मीदवार उतार चुकी है।
सपा और कांग्रेस के बीच खींचतान ऐसे समय में शुरू हुई है जब कांग्रेस बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय ताकतों से बड़ा दिल दिखाने का आग्रह कर रही है। कांग्रेस चाहती है कि इन राज्यों में जदयू, राजद, टीएमसी और सपा उन्हें सम्मानजनक सीटें दे। दूसरी ओर कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की बदौलत वह अपने सहयोगियों पर दबाव बना सकेगी।
लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को ले कर आप और कांग्रेस के बीच चार राज्यों में पेंच फंसा हुआ है। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और गुजरात में सीट बंटवारे का फार्मूला तय करना आसान नहीं है। इन राज्यों में कांग्रेस की राज्य इकाई आप से गठबंधन करने की सख्त विरोधी है।