भोपल। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) से बाल आश्रय और संप्रेषण गृहों (Child Shelter and Communication Homes) में बच्चों को खाने में अंडा और चिकन (egg and chicken) देने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में अंडे का फंडा नहीं चलेगा। इसे किसी भी हालत में चलने नहीं देंगे। इसकी किसी भी स्थिति में अनुमति नहीं दी जाएगी। इस विषय में भ्रम की स्थिति है। इस संबंध में कोई प्रस्ताव सरकार (proposal government) के पास लंबित नहीं है। और इस तरह की बात को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा।
इस संबंध में विभाग की तरफ से बाल आश्रय और संप्रेषण गृहों में अंडा और चिकन परोसने की अधिसूचना भी 25 अगस्त को जारी हो गई है। जिसमें प्रत्येक बाल देखभाल संस्थान को बताए अनुसार सुझाए गए न्यूनतम पोषण मानक और आहार पैमाने को सख्ती से पालन करने को कहा गया है। इसकी सूची के अनुसार खाद्य पदार्थों में सप्ताह में एक बार 115 चिकन और सप्ताह में चार दिन अंड के अलावा खाद्य पदार्थ जैसे दाल, राजमा, चना, दूध और सब्जियां शामिल है।
कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर सरकार के नोटिफिकेशन और गृहमंत्री के बयान पर तंज कसा है। सलूजा ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री और गृहमंत्री आमने-सामने हैं। अब किसका फंडा चलेगा। शिवराज सिंह के अधीन आने वाले महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 25 अगस्त को ही किशारों को अंडा चिकन देने का गजट नोटिफिकेशन किया जा चुका है। गृहमंत्री ऐसे किसी निर्णय से मना कर रहे हैं?
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