इंदौर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर पीठ (Indore Peeth) ने मेडिकल में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए चार मई को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) (National Eligibility-cum-Entrance Test (NEET-UG) के परिणाम घोषित करने पर अंतरिम रोक (Result declared, interim stay) के अपने आदेश में बदलाव किया है। कोर्ट ने इंदौर में बिजली गुल होने से प्रभावित 11 परीक्षा केंद्रों को छोड़कर देश के अन्य परीक्षा केंद्रों के परिणाम घोषित किए जाने की अनुमति दे दी है।
हाई कोर्ट ने इंदौर की एक छात्रा की याचिका पर बृहस्पतिवार को आदेश दिया था कि अगली सुनवाई तक नीट-यूजी के परिणाम घोषित नहीं किए जाएं। छात्रा ने अपनी याचिका में कहा था कि नीट-यूजी के दौरान शहर में मौसम खराब होने के बाद बिजली गुल होने से प्रवेश परीक्षा में उसका प्रदर्शन बुरी तरह प्रभावित हुआ। उसे परीक्षा में दोबारा बैठने का मौका दिया जाना चाहिए।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाई कोर्ट के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर के सामने शुक्रवार को दलील पेश की कि बिजली गुल होने की समस्या केवल इंदौर के 11 केंद्रों में हुई थी। इसलिए बृहस्पतिवार के आदेश में बदलाव किया जाना चाहिए और देश के अन्य परीक्षा केंद्रों के नतीजे घोषित करने की मंजूरी दी जानी चाहिए।
याचिकाकर्ता के वकील मृदुल भटनागर ने मेहता की इस गुहार पर आपत्ति जताई। हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों पर गौर करने के बाद बृहस्पतिवार के आदेश को संशोधित कर दिया। कोर्ट ने इंदौर में बिजली गुल होने से प्रभावित परीक्षा केंद्रों को छोड़कर देश के अन्य सभी परीक्षा केंद्रों के नीट-यूजी के परिणाम घोषित करने की अनुमति दे दी।
एकल पीठ ने प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि वे इंदौर में बिजली गुल होने से प्रभावित केंद्रों में परीक्षा में बैठे उम्मीदवारों का विवरण अपने उत्तर के साथ अदालत में प्रस्तुत करें। कोर्ट ने छात्रा की याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख तय की है। नीट-यूजी में देश भर के करीब 21 लाख उम्मीदवार बैठे थे।
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