इंदौर। सिविल जज (civil judge) वर्ग-2 के लिए 4 माह पहले परीक्षा (exam) आयोजित की गई थी, जिसका परिणाम करीब डेढ़ माह पहले सामने आया। इसमें मॉडल उत्तर पुस्तिका (model answer sheet) के 6 प्रश्नों के उत्तर बदलने से छात्रों में असंतोष देखा गया। इसके बाद करीब 17 पिटीशन फाइल की गई, जिसमें सिविल जज (civil judge) वर्ग-2 परीक्षा की खामियों को दूर करने और सभी पहलुओं को प्रमुखता से देखने के लिए दो रिटायर्ड हाईकोर्ट ( high court) जज की कमेटी बनाने के निर्देश जारी हुए, जो 2 सप्ताह में सभी पहलुओं को न्यायालय (court) के समक्ष रखेगी।
20 मार्च को प्रदेश में सिविल जज (civil judge) वर्ग-2 के 252 पदों की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें हजारों छात्रों ने सहभागिता की थी। परीक्षा (exam) के 2 दिन बाद मॉडल उत्तर पुस्तिका (model answer sheet) आई थी, जिसमें प्रश्नों के उत्तर बताए गए थे। एडवोकेट आयुष पांडे का कहना है कि परीक्षा का परिणाम 24 मई को जारी किया गया। इस समय जो उत्तर पुस्तिका आई वह पहले वाली उत्तर पुस्तिका से भिन्न थी। इसमें 6 प्रश्न के उत्तर बदल दिए गए थे साथ ही 10 प्रश्नों के उत्तर को लेकर और प्रश्नों में भिन्नता अंग्रेजी में हिंदी माध्यम में भी देखी गई जिससे की मेरिट का परीक्षा (exam) परिणाम बदल आने की पूरी संभावना व्यक्त की गई इसके बाद हाई कोर्ट ( high court) में पिटीशन दायर की गई जिसकी सुनवाई 8 जुलाई को होने के बाद बुधवार को न्यायालय (court) ने आदेश दिया कि इस पूरे मामले में दो रिटायर्ड जज की कमेटी 2 सप्ताह में परीक्षा (exam) परिणाम के सभी पहलुओं पर जांच कर न्यायालय (court) मैं पेश करेगी वही परीक्षा रजिस्टर को कहा गया कि प्रतियोगी परीक्षा (exam) में परिणामों (result) को लेकर पारदर्शिता होना चाहिए और इससे जुड़े तथ्य स्पष्ट किए जाना चाहिए कुल मिलाकर सिविल जज (civil judge) वर्ग 2 की परीक्षा (exam) का परिणाम (result) अब निश्चित रूप से बदलेगा और इसकी खामियों से नए तथ्य भी उजागर होंगे।