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‘मुसलमान अछूत नहीं, उम्मीदवार का धर्म नहीं देखती…’ अनुप्रिया पटेल बोलीं- बीजेपी से अलग अपना दल की विचारधारा


नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपना दल (एस) (Anupriya Patel statement) के सामाजिक न्याय के पक्ष में खड़ा रहने पर जोर दिया है। सोमवार को उन्‍होंने अपनी पार्टी को ‘हिंदुत्व और इससे संबंधित सभी मुद्दों’ ((Anupriya Patel said-No Hindutva in our Politics) से अलग किया। कहा कि उनकी पार्टी वैचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी (BJP) से अलग है। अपना दल (एस) प्रमुख बोलीं कि मुस्लिम उम्मीदवार उनकी पार्टी के लिए अछूत (Anupriya Patel said Muslims not untouchables) नहीं हैं।

पटेल ने कहा, ‘हां, हम वैचारिक रूप से भाजपा से अलग हैं। लोग मुझसे हिंदुत्व और इससे जुड़े मुद्दों पर सवाल पूछने की कोशिश कर रहे हैं, मैं उन सभी मुद्दों से खुद को अलग करती हूं और मेरी पार्टी धार्मिक राजनीति नहीं करती। हम सामाजिक न्याय के लिए खड़े हैं। यही हमारी विचारधारा है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने हमेशा समाज में हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए काम किया है, चाहे सड़कों पर हो या संसद में और यही हमारा दर्शन एवं संस्थापक सिद्धांत हैं और हम इसे बरकरार रखते हैं।’


उत्तर प्रदेश में पिछले तीन चुनावों – 2014 और 2019 के आम चुनाव तथा 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की सहयोगी रही अपना दल (एस) ने इस बार अपने पहले मुस्लिम उम्मीदवार की घोषणा की है। कांग्रेस की दिग्गज नेता बेगम नूर बानो के पोते हैदर अली को अपना दल (एस) ने अपना उम्मीदवार बनाया है। वह स्वार से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।

पटेल ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि हर कोई एक उम्मीदवार को धर्म के नजरिए से क्यों देख रहा है। वह एक पढ़े-लिखे होनहार युवा हैं।’ पिछली बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं होने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उम्मीदवारों को धर्म के चश्मे से नहीं देखती है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘जब पार्टी के संस्थापक सोनेलाल पटेल जीवित थे, उस समय मेरी पार्टी के पहले विधायक एक मुसलमान थे जो कि प्रतापगढ़ सदर क्षेत्र से जीते थे और उनका नाम हाजी मुन्ना था। कई मुसलमान अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं इसलिए मेरी पार्टी के लिए मुसलमान अछूत नहीं और मैं उम्मीदवारों के धर्म को नहीं देखती।’ उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में जनता का रूझान राजग के पक्ष में है और भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन राज्य में फिर से सरकार बनाएगा।

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