इस दौरान मीडिया से बातचीत में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ के चुनावी दौरे को लेकर उन पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें चेतुए की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजनीति में कमलनाथ की भूमिका “चैतुए” के समान है। जो सिर्फ चैत के महीने में ही फसल काटने के लिए गांव में नजऱ आता है। उसके बाद नहीं। इसी तरह कमलनाथ भी सिर्फ चुनाव के समय दिखाई देते फिर गायब हो जाते हैं।
उपचुनाव प्रचार में दिग्विजय सिंह की दूरी पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री मिश्रा ने कहा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता भी दिग्विजय सिंह जी को “वोट कटुआ” मानते हैं। यानी ऐसा नेता जिसे चुनाव प्रचार के लिए बुलाया तो वोट कट जाएंगे। कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे उमंग सिंघार ने भी मुख्यमंत्री के रूप में कमलनाथ को मुखौटा और दिग्विजय सिंह को पर्दे के पीछे से सरकार चलाने वाला बताया था। कांग्रेस अपने बोझ से पहले भी गिरी थी अब फिर गिरेगी।
डॉ. गोविंद सिंह के बयान पर ग्रह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि कहावत है “मरुस्थल में गया था मैं देवदार ढूंढऩे, मेरा मित्र धतूरे में इत्र ढूंढऩे चला। मेरे मित्र गोविंद सिंह जी भी परिवारतंत्र वाली कांग्रेस में लोकतंत्र की तलाश कर कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। मेरी सलाह है कि उन्हें इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए। जिस पार्टी की स्थापना विदेशी मूल के व्यक्ति ने की थी तो वो लोकतंत्र को खत्म करने के लिए की थी आज भी विदेशी मूल का व्यक्ति कबिज है। गलत जगह, गलत चीज़ बोल रहे है गोविंद सिंह। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में परिवार वाद चल रहा है कांग्रेस में लोकतंत्र नही रहा, वहां लोकतंत्र नही मिलेगा।