भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

MP में अब शहरी क्षेत्रों में फैल रहा Naxalite Network

  • अब पढ़े-लिखे लोगों को टीम में शामिल कर रहे नक्सली

भोपाल। मप्र के ग्रामीण इलाकों से अब शहरी इलाकों की तरफ नक्सल नेटवर्क (Naxal Network)फैल रहा है। इसे लेकर इंटेलिजेंस इनपुट (intelligence input) भी पुलिस को मिल रहे हैं। इस इनपुट के बाद पुलिस अलर्ट (Police Alert) है और अपने मुखबिर तंत्र को शहरी क्षेत्र में भी सक्रिय कर दिया है। गौरतलब है कि बालाघाट पुलिस ने नक्सल हथियार (Naxal Weapons) मामले में अर्बन नेटवर्क का खुलासा किया था। इस कड़ी से जुड़े पांच आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था। इनके कब्जे से हथियार तो नहीं मिले, लेकिन अर्बन नेटवर्क के खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए। अर्बन नेटवर्क (Urban Network) का यह गैंग हथियारों को नक्सलियों तक पहुंचाने में मदद करता था।

नक्सलियों की पहचान कर पाना मुश्किल
पुलिस महानिदेशक (नक्सल विरोधी अभियान) साजिद फरीद शापू ने बताया कि अभी तक की जांच में यह भी पता चला है कि इस गैंग के संपर्क कई नक्सलियों के दलों से हैं। यह नेटवर्क भले ही हथियारों से जुड़ा है, लेकिन अब यह बात भी सामने आ गई है कि ग्रामीण इलाकों के साथ नक्सलियों ने अपना नेटवर्क बालाघाट, मंडला समेत आसपास के शहरी क्षेत्रों में मजबूत करना शुरू कर दिया है। आम लोगों के बीच कौन नक्सली है, यह पहचान करना मुश्किल है। इसलिए अब पुलिस ने अपने शहरी मुखबिर तंत्र को सक्रिय कर दिया है।

विचारधारा से प्रभावित कर रहे नक्सली
रिटायर्ड डीजीपी आरएलएस यादव का कहना है कि अर्बन क्षेत्र में अपनी जड़ें मजबूत करने के लिए नक्सली बीते डेढ़ साल से सक्रिय हैं। वह एक रणनीति के साथ पढ़े-लिखे जवानों को अपनी टीम से जोड़ रहे हैं। उन्हें अपनी विचार धारा से जोडऩे का काम कर रहे हैं। बता दें, हाल में छह जुलाई को बालाघाट पुलिस ने नक्सल हथियार गैंग के आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद अर्बन नेटवर्क से जुड़े सात लोगों को पकड़ा था। अब तक इस केस में 15 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।

मप्र में ऐसा है नक्सली मूवमेंट
छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में जांच एजेंसियों के लगातार शिकंजा कसने की वजह से नक्सलियों को मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाके सबसे सुरक्षित लगते हैं। छत्तीसगढ़ से नक्सलियों के अलग-अलग दलम पेंच-कान्हा कॉरिडोर के रास्ते बालाघाट में प्रवेश कर मंडला-अमरकंटक की ओर आते हैं। बालाघाट के बैहर और मंडला के बिछिया-मवई तहसील में नक्सलियों का मूवमेंट लगा रहता है। प्रदेश में अपना नेटवर्क बढ़ाने के लिए नक्सली दलम बिना हथियार के अपनी विस्तारवादी योजना के प्रचार-प्रसार में जुटे हैं।

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