नई दिल्ली: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Prime Minister Benjamin Netanyahu) 7 जुलाई (सोमवार) को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) से व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे. इस अहम बैठक में गाज़ा में युद्धविराम की कोशिशों और ईरान से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये मुलाकात ट्रंप की मिडिल ईस्ट (Middle East) में शांति स्थापित करने की कोशिशों का हिस्सा है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक सीनियर सलाहकार और सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज़ (CSIS) की मिडिल ईस्ट डायरेक्टर मोना याकूबियन ने बताया कि डोनाल्ड ट्रंप गाज़ा में सीजफायर को प्राथमिकता दे रहे हैं और ये मुद्दा दोनों नेताओं की मीटिंग में सबसे ऊपर रहेगा. उन्होंने कहा कि ट्रंप कई दिनों से इस दिशा में संकेत दे रहे हैं.
इधर, हमास ने भी अमेरिका द्वारा प्रस्तावित सीजफायर प्लान पर सकारात्मक रुख दिखाया है और बातचीत के लिए तैयार होने की बात कही है. इस योजना में बंधकों की रिहाई और संघर्ष समाप्त करने को लेकर बातचीत का प्रस्ताव है. ट्रंप ने यह भी कहा कि वह नेतन्याहू के साथ ईरान पर भी चर्चा करेंगे. मोना याकूबियन के अनुसार ट्रंप और नेतन्याहू दोनों ईरान को लेकर एक जैसे विचार रखते हैं और पहले भी मिलकर सैन्य कार्रवाई कर चुके हैं. ऐसे में यह संभावना है कि दोनों नेता मिलकर आगे की रणनीति पर एकजुट रुख अपनाएंगे.
इस दौरे में नेतन्याहू अमेरिका के अन्य शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे, जिनमें विदेश मंत्री मार्को रुबियो, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, ट्रंप के पश्चिम एशिया दूत स्टीव विटकॉफ और वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक शामिल हैं. मोना याकूबियन ने कहा कि नेतन्याहू की यह यात्रा न केवल ईरान में की गई सैन्य कार्रवाई की सफलता को दिखाएगी, बल्कि गाज़ा में संभावित युद्धविराम की दिशा में भी एक कदम मानी जाएगी.
यह ट्रंप के लिए भी अहम है, क्योंकि इससे वे अमेरिका में अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करने के साथ-साथ खुद को ‘शांति स्थापित करने वाले नेता’ के रूप में पेश कर पाएंगे. वे लंबे समय से मिडिल ईस्ट में बड़े राजनयिक समझौते कराने की कोशिश कर रहे हैं. इस मुलाकात को लेकर अब पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं, जिसमें दोनों नेता क्षेत्रीय शांति और रणनीतिक साझेदारी पर नई राह तय कर सकते हैं.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved