इंदौर न्यूज़ (Indore News)

5500 करोड़ का नया बायपास, इंदौर के सबसे महंगे प्रोजेक्ट की कवायद शुरू

तीन विभाग मिलकर बनाएंगे, 23 गांवों से गुजरेगा आरडब्ल्यू-4, शिप्रा से शुरू होकर धार-माचल तक बनेगा, प्राधिकरण को 5 हजार एकड़ से अधिक जमीनें करना पड़ेंगी अधिग्रहित

इंदौर। तीन विभाग मिलकर इंदौर के अब तक के सबसे बड़े रोड प्रोजेक्ट की कवायद में जुटे हैं। पश्चिमी रिंग रोड आरडब्ल्यू-4 को लेकर हुई बैठक में नेशनल हाईवे, एमपीआईड़ीसी और प्राधिकरण ने हिस्सा लिया। 57 किलोमीटर लम्बा यह नया बायपास क्षिप्रा से शुरू होकर धार रोड पर माचल तक निर्मित किया जाना है। पहले यह फोरलेन प्रस्तावित था, मगर अब आठ लेन तक बनाए जाने का प्रावधान किया है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 5500 करोड़ रुपए की बड़ी राशि खर्च होगी और जो 42.5 किलोमीटर का हिस्सा प्राधिकरण द्वारा बनाया जाना है उसके लिए 5 हजार एकड़ से अधिक जमीनों का अधिग्रहण करना पड़ेगा।


बीते कई वर्षों से इस रोड के लिए कागजी प्रयास चल रहे हैं, मगर अब इसे धरातल पर उतारने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आईटी पार्क में आयोजित की गई, जिसमें सांसद शंकर लालवानी, प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, एमपीआईडीसी के महाप्रबंधक मनीष सिंह, प्राधिकरण के सीईओ आरपी अहिरवार और नेशनल हाईवे के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मनीष असाटी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इस पूरे आरडब्ल्यू-4 को एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर निर्मित किया जाएगा, जिसकी कुल लम्बाई 57 किलोमीटर रहेगी और उसे तीन विभाग मिलकर पूरा करेंगे। 13.4 किलोमीटर का हिस्सा एमपीआईडीसी द्वारा बनाया जाएगा। वहीं प्राधिकरण और नेशनल हाईवे द्वारा लगभग 43.58 किलोमीटर का हिस्सा निर्मित किया जाना है। पहले चरण में पीथमपुर स्थित नेट्रेक्स से माचल तक के 13 किलोमीटर के हिस्से में काम शुरू किया जाना है। यह इंदौर का अब तक का सबसे बड़ा रोड प्रोजेक्ट होगा, जिसमें लगभग साढ़े 5 हजार करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित किया गया है। प्राधिकरण द्वारा इसके लिए नई योजना घोषित की जाएगी, जो 2200 हेक्टेयर यानी 5 हजार एकड़ से अधिक जमीन पर होगी। 200 मीटर इसकी चौड़ाई रहेगी और दोनों तरफ रोड के जो योजना प्राधिकरण लाएगा उसमें लगभग 1850 किसानों की जमीनें शामिल है। वर्तमान में बने हुए इंदौर-देवास बायपास में क्षिप्रा से शुरू होकर यह पश्चिमी आरडब्ल्यू-4 धार रोड के माचल तक बनेगा, जो 13 गांवों से गुजरेगा। पिपल्या झागड़ु, उरांगपुरा, बोरिया, बोरसी, कल्मेर, सिंगवारा, राजोदी, हातोद, कांकरिया बारोदिया, कांकरिया, कारवांखेड़ी, पालिया हेदर, सतलाना, मुरादपुरा, रिंगनोदिया, पंचडेरिया, पड़ारिया बजरंग, रामपिपलिया, खाकरोद, कलोदहाला, टोडी, बरलईजागीर, पीर कराडिय़ा आदि गांवों की जमीन इसमें शामिल रहेगी। रोड के अलाइनमेंट में कुछ परिवर्तन भी किया जा रहा है, ताकि अतिक्रमण कर बनाए गए अवैध मकानों, निर्माणों को कम तोडऩा भी पड़े। आठ लेन प्रस्तावित इस रोड के दोनों ओर ढाई-ढाई सौ मीटर की जमीनें प्राधिकरण योजना में शामिल की जाएगी। अध्यक्ष श्री चावड़ा के मुताबिक इस महत्वपूर्ण रोड के बन जाने से इंदौर के विकास को नई गति मिलेगी।

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