नई दिल्ली (New Dehli)। भारतीय (Indian)एजेंसियों ने पिछले एक साल में जिस तरीके से खालिस्तान (Khalistan)और वांटेड गैंगस्टरों (Gangsters)के खिलाफ मोर्चा खोला है, उसके बाद खालिस्तानी खेमे में खलबली (commotion)मची है. पहले 28 वांटेड गैंगस्टर्स की लिस्ट को सार्वजनिक करना और उसके बाद एजेंसियो की ताबड़तोड छापेमारी और संपत्तियों को सीज करने की बड़ी कार्रवाई से खालिस्तान मूवमेंट और गैंगस्टर्स के साथ उनका गठजोड़ टूटने की कगार पर है. दरअसल इन गैंगस्टरों को कनाडा के रास्ते विदेश में नेटवर्क बनाने में खालिस्तानी लीडरों की बड़ी भूमिका रही है, जो अब धीरे-धीरे उजागर हो रही है
सूत्रों के मुताबिक एक तरफ एजेंसियो ने गैंगस्टर्स की प्रॉपर्टी और उनके गुर्गों पर नकेल कसी है, तो वहीं दूसरी तरफ विदेशी धरती पर छिपे गैंगस्टर्स पर भारत ने इंटरपोल के साथ मिलकर भारी दवाब बनाया हुआ है. विदेशों में जाकर भी गैंगस्टर्स न खुलकर आजादी से घूम सकते हैं और न ही अपने गुर्गों से भारत में सम्पर्क कर सकते हैं. भारत के ये वांटेड गैंगस्टर्स वांटेड खालिस्तानियों के सपोर्ट में खुद को कनाडा में सबसे ज्यादा सेफ मानते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है.
सचिन विश्नोई की वापसी से गैंगस्टर्स में खलबली
अब भारतीय एजेंसियों ने दुबई, यूएस, ब्रिटेन, कनाडा, इंडोनेशिया, बहरीन जैसे देशों में छिपे खूंखार गैंगस्टर्स की कमर तोड़कर रख दी है. जिसका सबूत है लॉरेंस विश्नोई–गोल्डी बराड़ खेमे के 2 सबसे नजदीकी प्यादे सचिन विश्नोई और विक्रम बराड़ को भारत में वापस लाना. यही एक बड़ी परेशानी गैंगस्टर्स की बनी हुई है क्योंकि उनके ऊपर जैसा शिकंजा इस समय कसा गया है, उसके बाद वो विदेशी धरती से पलायन भी करने के लिए मजबूर हो जाएंगे. पिछले कुछ समय में एजेंसियों ने प्रत्यर्पण संधि का पूरा इस्तेमाल किया है. यही वजह है कि अब गैंगस्टरों के लिए जाऊं तो जाऊं कहां वाली स्थिति बनने वाली है.
भारत प्रत्यर्पण संधि का कर रहा इस्तेमाल
यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि पिछले कुछ सालों में गैंगस्टर्स ने कनाडा , यूके अमेरिका, पाकिस्तान, दुबई, बहरीन जैसे देशों का इस्तेमाल अपनी पनाह के लिए किया है लेकिन अब कनाडा में जिस तरह के हालात बने हैं, उसके बाद एजेंसियां खुलकर वांटेड गैंगस्टरों पर एक्शन ले रही हैं. एजेंसियां लगातार प्रत्यर्पण संधि का इस्तेमाल करके विदेश में छिपे गैंगस्टर्स को एक-एक करके भारत लाने या फिर उनके सरेंडर करने के लिए इंटरपोल के लगातार संपर्क में है ताकि इन गैंगस्टरों को भारत में लाया जा सके, जिसके बाद ये गैंगस्टर खुद ब खुद पलायन कर सकते हैं, जो भारतीय एजेंसियों के लिए बड़ी सफलता मानी जाएगी