इंदौर न्यूज़ (Indore News) क्राइम

नूर मोहम्मद ने की जोया की हत्या, सर-धड़ पलंग में रखा

– किन्नर की हत्या में मिला अहम सुराग, शाम तक होगा पर्दाफाश

– जूनी इंदौर स्थित भाई के घर से पकड़ा, हत्या में अन्य लोगों का हाथ होने की भी उम्मीद

– पूछताछ जारी, ऊपरी हिस्सा ठिकाने लगाने से पहले धराया

– स्टार चौराहे के पास कल सुबह चुनरी में बंधे मिले थे पैर

इंदौर। खजराना थाना क्षेत्र (Khajrana Police Station Area) के स्टार चौराहे (Star Square) के समीप हत्या कर चुनरी से जिन तो पैरों को बांधकर फेंका गया था वो पैर किन्नर जोया उर्फ मौसिन बाबा निवासी चंदन नगर के निकले। जिन दो पैरों में चुनरी बंधी थी वह जोया की थी। यह जोया के पुराने फोटो में पहने सूट से साफ हो रहा है। दूसरा पैरों से भाई इमरान ने उसकी पहचान की। इस मामले में नूर मोहम्मद निवासी अशरफी नगर की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए उसे उसके जूनी इंदौर निवासी भाई के घर से हिरासत में लिया गया।  जिस हिसाब से शव को काटा गया उससे लग रहा है कि हत्या में नूर मोहम्मद के अलावा अन्य लोग भी शामिल हैं, क्योंकि यह कृत्य अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता।


यह शव जोया का है अथवा नहीं यह तो उसके परिजन के डीएनए से मिलान के बाद भौतिक रूप से सत्यापित होगा, लेकिन अभी तक पुलिस की जो जांच चल रही है, उससे यह साफ है कि जोया किस तरह लापता हुई थी और फिर उसका मोबाइल बंद होना हत्या की पुष्टि करता है। दरअसल जोया पड़ोसी रिश्तेदार आबिद नामक रिक्शा वाले के साथ घर से निकली थी। आबिद वही रिक्शा वाला है, जो हर समय जोया के साथ रहता था। आबिद ने पूछताछ में बताया कि वह जोया को एक फोन के बाद खजराना के अशरफी नगर लेकर गया था। आबिद को यह पता नहीं कि फोन किसका था। आबिद का कहना है कि फोन लगाने वाले ने अशरफी नगर में एक बिजली के खंभे के नीचे बुलाया था। इसके बाद सामने से आकर एक रिक्शा रुका और जोया को रिक्शा में सवार लोगों ने कहा कि इसमें बैठ जाओ। इस पर जोया ने कहा कि मैं आबिद के साथ ही जाती हूं, लेकिन दूसरे रिक्शा वाले ने कहा कि आबिद को बोल दो आधे घंटे बाद मिलते हैं। आबिद उसके बाद वहां से अकेला चला गया। आबिद ने जोया को आधे घंटे बाद फोन लगाया तो उसने कहा कि पांच मिनट रुको, मैं फोन लगाती हूं। उसके बाद से जोया को फोन बंद आ रहा है। कल  जोया के भाई इमरान ने उसकी पहचान करते हुए कहा कि यह शव उसके भाई जोया का हो सकता है। इसके बाद पुलिस ने जोया के मोबाइल की लोकेशन निकाली। कुछ कॉल डिटेल और मैसेज से पता चला कि जोया को बुलाने वाले ने अपने मोबाइल नंबरों में अबाउट के अलग-अलग स्लोगन लिखे थे, लेकिन जांच के बाद पहला संदिग्ध नाम नूर मोहम्मद का आया तो पुलिस ने उसकी तलाश की। जूनी इंदौर में उसके भाई के घर से उसे दबोच भी लिया। उसने पूछताछ में कबूल किया कि विवाद के बाद जोया की हत्या कर धड़़ और सर पलंगपेटी में छुपा दिए और पैर उसी की चुनरी से बांधकर बोरे में भरकर स्टार चौराहे पर फेंक आए। यह भी साफ हुआ कि कटर से शव को काटा गया। रिक्शा वाले आबिद सहित पड़ताल के लिए हिरासत में लिए गए किन्नरों से पूछताछ की जा रही है। अभी तक की पूछताछ में तीन और नाम सामने आए हैं, जिन्हें पकडऩे के लिए पुलिस का दल रवाना हुआ है। पुलिस शाम तक इस मामले का औपचारिक खुलासा कर सकती है। हालांकि डीएनए टेस्ट की अहम भूमिका रहेगी।

पहले मौसिन फिर मौसिन बाबा और फिर कैसे बनी जोया

स्टार चौराहे पर मिले पैर अगर जोया के हैं तो हम बताते हैं कि आखिर जोया कौन है और उसका यह नाम कैसे पड़ा। जोया के पारिवारिक लोगों और पुलिस से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार जोया का असली नाम मौसिन था। मौसिन बाद में तांत्रिक बाबा बनकर झांड़-फूक करने लगा। वह घर से अकसर बाहर रहकर तांत्रिक और अन्य लोगों के साथ रहता था। मौसिन के खिलाफ चंदन नगर थाने में बाबा बनकर ठगी करने की शिकायत आई तो पुलिस रिकार्ड में उसका नाम मौसिन बाबा के नाम से जाना जाने लगा। बताया जा रहा है कि मौसिन ने बाद में जेंडर चेंज कराने के लिए ऑपरेशन करवाया था, लेकिन उसने सिर्फ चेस्ट का ऑपरेशन कराया था, नीचे के हिस्से का नहीं। इसके चलते उसे किन्नर अपनी बिरादिरी का नहीं मानते थे। वह कुछ दिनों के लिए जयपुर जाकर भी किन्नरों के साथ रहा था।

सूत्र यह भी बता रहे…

सूत्र बता रहे हैं कि नूर मोहम्मद ने साथियों के साथ उसके साथ हरकत करने की कोशिश की, जिसके बाद विवाद हुआ और हत्या हो गई। हालांकि पुलिस इस मामले की पुष्टि नहीं कर रही है। उधर कुछ पुलिस सूत्र यह भी बता रहे हैं कि आपसी खुन्नस में हत्या हुई है, जिसमें किन्नर शामिल हैं। जो भी हो अभी यह सब अनुमानित तथ्य हैं, क्योंकि डीएनए के मिलान के बाद ही मृतक के नाम की पुष्टि होगी।

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