वॉशिंगटन। उत्तर कोरिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अब उसके हैकरों ने गोपनीय सैन्य जानकारियां चुराने की कोशिश की है। दरअसल, अमेरिका, ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त एडवाइजरी जारी कर सबको चौंका दिया। इसमें कहा गया कि उत्तर कोरियाई हैकरों ने प्योंगयांग के प्रतिबंधित परमाणु हथियार कार्यक्रम को समर्थन देने के लिए गोपनीय सैन्य जानकारियों को चुराने की कोशिश में वैश्विक साइबर जासूसी अभियान चलाया है।
एडवाइजरी में कहा गया है कि साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं द्वारा एनाड्रिएल या एपीटी 45 कहे जाने वाले हैकरों ने टैंक, पनडुब्बियों, नौसेना के जहाजों, लड़ाकू विमानों, मिसाइल और रडार प्रणालियों के निर्माताओं सहित रक्षा या इंजीनियरिंग फर्मों के कंप्यूटर सिस्टम को निशाना बनाया है या उनमें सेंध लगाई है।
ऑथरिंग एजेंसियों का मानना है कि समूह और साइबर तकनीक दुनिया भर के विभिन्न उद्योग क्षेत्रों के लिए एक खतरा बनी हुई है, जिसमें उनके संबंधित देशों के साथ-साथ जापान और भारत में संस्थाएं शामिल हैं। इस रिपोर्ट के सह-लेखक अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, साइबर एजेंसियां, ब्रिटेन का राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र और दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय खुफिया सेवा हैं।
ब्रिटेन की जीसीएचक्यू जासूसी एजेंसी के एक भाग एनसीएससी के पॉल चिचेस्टर ने कहा, ‘आज हमने जिस वैश्विक साइबर जासूसी अभियान का पर्दाफाश किया है, उससे पता चलता है कि डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया अपने सैन्य और परमाणु कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए किस हद तक जाने को तैयार हैं।’ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग उत्तर कोरिया या डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया का संवेदनशील सैन्य जानकारी चुराने के लिए हैकरों की मदद लेने का एक लंबा इतिहास रहा है।
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