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आर्थिक संकट से उबरने पाकिस्‍तान में भी हो सकती है नोट बंदी!

इस्‍लामाबाद (Islamabad) । कंगाल पाकिस्‍तान (Pakistan) की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। पाकिस्‍तान (Pakistan) में लोगों को छोटी से छोटी चीज खरीदने के लिए ज्यादा अमाउंट देना पड़ रहा है। पिछले माह पाकिस्तान (Pakistan) की शॉर्ट टर्म सालाना महंगाई दर (Pakistan Inflation) 46.65 फीसदी बढ़ी है। इस देश इतिहास में ये पहली बार है, जब महंगाई इतनी बढ़ी है। सरकार घुटने टेक चुकी है और उसकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है।

कंगाल हो चुका पाकिस्‍तान (Pakistan) अब भारत की तरह एक बड़ा और कठोर निर्णय लेने पर विचार कर रहा है। वो है नोटबंदी (Demonetisation)। पाकिस्तानी इकोनॉमिस्ट भी सरकार को ये सलाह दे चुके हैं कि देश में 5,000 रुपये के बड़े नोट को बंद कर देना चाहिए, लेकिन शहबाज शरीफ सरकार ऐसे किसी भी कदम को उठाने से घबरा रही है। पाकिस्तान में लोग 5,000 रुपये का नोट जेब में लेकर चल रहे हैं, इसके बावजूद उनके पेट की आग नहीं बुझ पा रही है. बता दें देश के सर्कुलेशन में मौजूद सबसे बड़ी वैल्यूएबल करेंसी 5,000 रुपये की है. दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके देश की अर्थव्यवस्था (Pakistan Economy) को पटरी पर लाने के लिए इकोनॉमिस्ट्स नोटबंदी की सलाह दे रहे है। उनका कहना है कि अगर पाकिस्तान में संचालित 5,000 रुपये के बड़े नोट बंद होते हैं, तो अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार देखने को मिल सकता है।

इकोनॉमिस्ट अम्मार खान ने इसके लिए तर्क दिया कि पाकिस्तान में जो करीब 8 खरब रुपये बिना जांच के सर्कुलेशन में हैं, उन्हें सरकार द्वारा चलन से बाहर कर दिया जाए, तो जमा करके रखे गए पैसे वापस मार्केट में आ जाएंगे।



पाकिस्तानी इकोनॉमिस्ट की मानें तो इन 5,000 रुपये के नोटों का कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। देश के बैंकों में नकदी की समस्या है और ये बड़ा कारण है कि वे ऋण देने में सक्षम नहीं हैं. अम्मार खान ने कहा कि अगर 5,000 रुपये के रूप में चलन में मौजूद 8 खरब रुपये देश के बैंकों में वापस आ जाएं, तो अचानक आपके पास सरप्लस पैसा उपलब्ध हो जाएगा. जो आर्थिक संकट से उबरने में मददगार होगा!

बता दें कि मई में पाकिस्तान में महंगाई दर का आंड़ा 38 फीसदी पर पहुंच चुका है और लगातार दूसरे महीने एशिया में सबसे ज्यादा महंगाई पाकिस्तान में दर्ज की गई है। विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म होने के चलते रोजमर्रा के सामानों के साथ खाने-पीने की चीजें लोगों की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं. पाकिस्तान सरकार लगातार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 2019 में हुए 6.5 ​अरब डॉलर के बेलआउट फंड करार में से 1.1 अरब डॉलर की किस्त रिलीज करने की मांग कर रही है, लेकिन अभी तक इसे मंजूरी नहीं मिल सकी है।


26 वस्तुओं की कीमत बढ़ी

पिछले सप्ताह के दौरान पाकिस्तान में 26 वस्तुओं की कीमत में इजाफा हुआ है, जबकि 12 चीजों की कीमत में कमी आई है. जबकि 13 चीजों की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है. टमाटर के दाम 71.77 प्रतिशत, गेहूं के आटे के दाम 42.32 प्रतिशत, आलू 11.47 प्रतिशत, केले के दाम 11.07 प्रतिशत, ब्रांडेड चाय के दाम 7.34 प्रतिशत, चीनी के दाम 2.70 प्रतिशत, दाल मैश के दाम 1.57 प्रतिशत और गुड़ के दाम 1.03 प्रतिशत तक बढ़े है.

इन चीजों की कीमत में गिरावट
जिन वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आई है, उनमें चिकन मांस की दर 8.14%, मिर्च पाउडर 2.31%, एलपीजी 1.31%, सरसों का तेल 1.19%, लहसुन 1.19%, खाना पकाने का तेल 0.21%, दाल शामिल है। मूंग में 0.17%, दाल मसूर में 0.15% और अंडों में 0.03% की वृद्धि हुई है.

सबसे ज्यादा कीमत में बढ़ोतरी वाली वस्तु
साल के दौरान प्याज की कीमत में सबसे ज्यादा 228.28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसके बाद सिगरेट की कीमत 165.88 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. गेहूं का आटा 120.66 फीसदी, गैस प्राइस पहली तिमाही में 108.38 फीसदी और डीजल 102.84 फीसदी बढ़ा है. पीसा हुआ मिर्च 9.56 फीसदी की सबसे बड़ी गिरावट है.

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