नई दिल्ली। कंपनियां अब कॉल या मैसेज के जरिए मार्केटिंग नहीं कर पाएंगी। उपभोक्ता मामलों की सेक्रेटरी निधि खरे (Secretary Nidhi Khare) ने शुक्रवार को बताया कि विभाग जल्द ही उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए स्पैम कॉल और मैसेज को रोकने के गाइडलाइंस जारी करेगा। जून में विभाग ने बेकार/प्रमोशनल या अनचाही कॉल के मुद्दे को हल करने के लिए मसौदा गाइडलाइंस जारी की थीं। खरे ने कहा कि उपभोक्ता मामलों का विभाग अनचाही कॉलों को रोकने पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि दूरसंचार विभाग भी नियम ला रहा है।
किन पर लागू होंगे नए नियम?
ड्राफ्ट गाइडलाइंस में कहा गया है कि ये नियम उन सभी पर लागू होंगे जो ऐसे मैसेज भेजते हैं या उनसे फायदा उठाते हैं। अगर कोई मैसेज, इसे पाने वाले की मर्जी या पसंद के खिलाफ है, तो उसे अनचाही मैसेज की कैटिगरी में रखा जाएगा। जो मैसेज TRAI (टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के कमर्शियल मैसेज के नियमों को तोड़ते हैं, उन पर पाबंदी होगी।
अभी क्या है परेशानी?
मंत्रालय ने बताया था कि इन ड्राफ्ट गाइडलाइंस का मकसद उन अनरजिस्टर्ड मार्केटर्स से निपटना है जो प्राइवेट नंबर इस्तेमाल करते हैं। TRAI के 2018 के रजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स के नियमों के बावजूद ये लोग बिना किसी नियम-कानून के काम कर रहे हैं। मंत्रालय ने ये भी बताया कि भले ही ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ रजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स के लिए कारगर रही है लेकिन अनरजिस्टर्ड सोर्स से आने वाले मैसेज पर कोई रोक नहीं है।
क्या कहना है सरकार का?
सेक्रेटरी ने कहा कि टेलीकॉम इंडस्ट्री चाहती है कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। खरे ने कहा, हम इस पर काम कर रहे हैं, और बहुत जल्द हम अनचाही कॉल को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करेंगे। हाल ही में, टेलीकॉम इंडस्ट्री बॉडी सेल्युलर ऑपरेटर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने विभाग को दिशा-निर्देशों के लिए पत्र लिखा था।
सोने के सिक्कों की हॉलमार्किंग पर विचार
निधि खरे ने कहा कि सरकार सोने के सिक्कों और छड़ों की हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है। लैब में तैयार हीरों के लिए भी नियम बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, इसके पीछे सोच यह है कि ज्वेलर्स सोना आयात कर रहे होते हैं, तो कई बार वे खुद भी उस सोने की गुणवत्ता को लेकर सुनिश्चित नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि 40 करोड़ से अधिक गोल्ड ज्वेलरी को एक विशिष्ट एचयूआईडी (हॉलमार्क विशिष्ट पहचान) के साथ हॉलमार्क किया जा चुका है।
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