विदेश

अब इजरायल के खिलाफ बड़ी लड़ाई की तैयारी कर रहा हिज्बुल्लाह

तेल अवीव (tel aviv) । युद्ध (war) की शुरुआत से ही चर्चाओं में बना हिज्बुल्लाह अब इजरायल (Hezbollah now Israel) के खिलाफ बड़ी लड़ाई की तैयारी कर रहा है। समूह पहले ही इसे लेकर चेतावनी जारी कर चुका है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब हिज्बुल्लाह और इजरायल आमने-सामने आए हों। साल 2006 में भी समूह ने इजरायल के 2 सैनिकों को बंधक बना लिया था, जिसके बाद इजरायल ने बड़ा अभियान चला था। 34 दिनों तक चले युद्ध में लेबनान के 1100 और 165 इजरायली नागरिकों की मौत हो गई थी।

कितना ताकतवर है हिज्बुल्लाह?
वॉशिंगटन में थिक टैंक एटलांटिक काउंसिल के निकोलस ब्लैनफोर्ड अनुमान लगाते हैं कि समूह के पास कम से कम 60 हजार लड़ाके हैं। इनमें रिजर्विस्ट्स भी शामिल हैं। अल जजीरा से बातचीत में उन्होंने बताया कि हिज्बुल्लाह ने मिसाइलों की संख्या भी 2006 में 14 हजार से बढ़ाकर अब करीब 1 लाख 50 हजार कर दी है।

उन्होंने बताया कि हिज्बुल्लाह की स्पेशल फोर्सेज युद्ध में इजरायल में घुसपैठ करने के लिए प्रशिक्षित की गई हैं। मिडिल ईस्ट इंस्टीट्यूट के कॉन्फ्लिक्ट एंड रिजॉल्युशन प्रोग्राम की निदेशक रंदा स्लिम बताती हैं कि सीरिया युद्ध के बाद हिज्बुल्लाह की क्षमताएं बढ़ गई हैं।


क्या वाकई होगा हिज्बुल्लाह और इजरायल युद्ध?
स्लिम का मानना है कि इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच सीमा पर सीमित हिंसा असामान्य नहीं हैं, लेकिन आज दोनों के बीच तनाव बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि हिज्बुल्लाह और ईरान गाजा की स्थिति को लेकर इजरायल के खिलाफ दूसरा मोर्चा खोल सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमास खत्म होने की स्थिति में आता है, तो हिज्बुल्लाह शामिल हो सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इधर ब्लेनफोर्ड का मानना है कि तमाम जोखिमों के बाद भी ईरान और हिज्बुल्लाह संयम बरत सकते हैं। हालांकि, उन्होंने युद्ध की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया है। उन्होंने बताया कि अगर ईरान को लगता है कि सही मौका है, तो वह इजरायल के खिलाफ अपने साथियों को तैयार कर सकता है।

क्या इजरायल को हरा सकता है हिज्बुल्लाह
स्लिम का मानना है कि हिज्बुल्लाह इजरायल पर हमला कर उसके अहम इंफ्रास्ट्रक्चर पर चोट दे सकता है, लेकिन अंत में इजरायल लेबनान के अधिकांश हिस्से को तबाह करने में सक्षम है। उन्होंने कहा, ‘सीरिया में युद्ध अलग था। वहां हिज्बुल्लाह कुछ अरब सरकारों से आर्थिक मदद लेने वाले लड़ाकों से लड़ रहा था। उसका इजरायली सेना की क्षमता से कोई मुकाबला नहीं है।’

कहा जा रहा है कि अगर संघर्ष बढ़ता है, तो संभावनाएं हैं कि इजरायल ‘दहिया डॉक्टरीन’ भी लागू कर सकता है। इसके तहत बल का इस्तेमाल कर नागरिक और सैन्य व्यवस्था पर चोट पहुंचाई जा सकती है। अल जजीरा से बातचीत में लेबेनीज अमेरिकन यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय मामलों के एसोसिएट प्रोफेसर इमाद सलामे ने भी चेताया है कि हिज्बुल्लाह के खिलाफ युद्ध के चलते लेबनान में नागरिक संकट पैदा हो सकता है।

Share:

Next Post

अक्टूबर में चंद्र ग्रहण लगेगा, भारत में इसकी समय अवधि 1 घंटा 16 मिनट की होगी

Tue Oct 17 , 2023
नई दिल्‍ली (New Dehli) । 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse)के बाद अब 29 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। 15 दिनों के अंतराल (interval)में सूर्य और चंद्र ग्रहण लगने से पूरे देश और दुनिया (World)में इसका प्रभाव रहेगा। दरअसल वर्ष 2023 के अक्टूबर महीने के अंतिम पखवाड़े (fortnight)में दो-दो ग्रहण लग […]