लंदन। ब्रिटेन (Britain) में ओमिक्रॉन की वंशावली से आए एक नए वैरिएंट ओमिक्रॉन बीए.2 (New Variants Omicron BA.2) ने स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। यहां की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी Health Protection Agency (UKHSA) ने इसे वैरिएंट अंडर इंवेस्टिगेशन Variant Under Investigation (VUI) श्रेणी में रखा है, इसके बारे में गहन जांच की जा रही है। अब तक सामने आई जानकारियों के अनुसार यह फ्रांस, डेनमार्क और भारत सहित 40 देशों (40 countries including France, Denmark and India) में पहुंच चुका है। इसमें लोगों को संक्रमित करने की क्षमता भी बेहद तेज मानी जा रही है।
ब्रिटेन ने अब तक इसके 426 मामले सिक्वेंसिंग के जरिए पहचाने हैं। इन चिंताओं के बीच यह भी सामने आया है कि नया वैरिएंट ओमिक्रॉन बीए.1 की तरह वैसे म्यूटेशन नहीं रखता, जिससे इसे डेल्टा से अलग पहचाना जा सके। वहीं डेनमार्क के अध्ययनकर्ताओं ने अंदेशा जताया है कि नए वैरिएंट की वजह से ओमिक्रॉन वायरस से बढ़ रही महामारी के दो अलग-अलग पीक (चरम संख्या में मामले) आ सकते हैं। इस बीच जॉन हॉपकिन्स में विषाणु विज्ञानी ब्रायन जेले ने आशंका जताई कि ओमिक्रॉन बीए.2 फ्रांस और डेनमार्क के बाहर पूरे यूरोप व उत्तरी अमेरिका में महामारी और बढ़ा सकता है।
डेनमार्क में 45 फीसदी इस नए वैरिएंट के मामले
यूकेएचएसए के अनुसार यह वैरिएंट भारत, स्वीडन और सिंगापुर सहित 40 देशों में फैल चुका है। लेकिन सबसे ज्यादा इसे डेनमार्क में पाया गया है, जहां जनवरी के दूसरे हफ्ते में 45 फीसदी मामले ओमिक्रॉन बीए.2 के होने की आशंका है। यहां के स्टेट सीरम इंस्टीट्यूट में अध्ययनकर्ता आंद्रेस फोम्सगार्ड का दावा है कि ओमिक्रॉन बीए.2 में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को तोड़ने की क्षमता भी ज्यादा हो सकती है। इसीलिए इसके तेजी से फैलने की आशंका है।