वॉशिंगटन। ब्रह्मांड की उत्पति हमेशा से ही एक बड़ा रहस्य रही है, जिसे समझने की कोशिश वैज्ञानिक सदियों से करते आ रहे हैं, लेकिन विज्ञान की इतनी उन्नति के बावजूद अभी तक अंतरिक्ष रहस्य बना हुआ है। हालांकि अब ऐसा लग रहा है कि ब्रह्मांड के रहस्यों से पर्दा उठ सकता है। दरअसल नासा ने एक अंतरिक्ष दूरबीन लॉन्च की है। इस अंतरिक्ष दूरबीन की खासियत ये है कि इससे पूरे अंतरिक्ष और उसमें मौजूद लाखों आकाशगंगाओं को देखा जा सकेगा। इससे पहले कभी ऐसा नहीं हो सका था।
एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने नासा की अंतरिक्ष दूरबीन स्फेरेक्स ऑब्जर्वेटरी को कैलिफोर्निया से लॉन्च किया। यह अंतरिक्ष दूरबीन पृथ्वी के ध्रुवों के ऊपर उड़ान भरेगी। इस स्पेस टेलीस्कोप के साथ चार सूटकेस के आकार के सैटेलाइट भी भेज गए हैं। ये सैटेलाइट सूर्य का अध्ययन करेंगे। 4.8 करोड़ डॉलर के इस स्पेस मिशन का उद्देश्य ये समझना है कि कैसे अरबों वर्षों में आकाशगंगाओं का निर्माण हुआ और अंतरिक्ष का इतना अनंत विस्तार कैसे हुआ। स्फेरेक्स ऑब्जर्वेटरी सितारों के बीच मौजूद बादलों में पानी और जीवन के अन्य कारकों का भी पता लगाएगी। ये भी पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि सौर प्रणाली कैसे विकसित हुई। साफ है कि नासा के इस मिशन से ब्रह्मांड की उत्पत्ति के कई राज खुल सकते हैं। यही वजह है कि इस पर पूरी दुनिया की नजरें हैं।
शंकु आकार की यह अंतरिक्ष दूरबीन करीब 500 किलोग्राम वजनी है। यह छह महीने में इंफ्रारेड किरणों की मदद से पूरे अंतरिक्ष को मापेगी। यह मिशन करीब दो साल में चार बार अंतरिक्ष का सर्वे करेगा। सर्वे के दौरान यह धरती के ध्रुवों के बीच सफर करता रहेगा। आकाशगंगाओं को गिनने की बजाय इस मिशन के तहत आकाशीय चमक का अध्ययन किया जाएगा। इस तरह इस प्रकाश की उत्पत्ति के कारण की खोज की जाएगी। स्फेरेक्स दूरबीन की खासियत ये है कि इसमें 102 तरह के रंगों को देखा जा सकता है, जो इंसानी आंखों से संभव नहीं है। ऐसे में जो अंतरिक्ष का नक्शा सामने आएगा, वह बेहद रंगीन और अद्भुत हो सकता है। पहले ये लॉन्चिंग दो हफ्ते पहले होनी थी, लेकिन रॉकेट की तकनीकी खराबी और अन्य कारणों से इसकी लॉन्चिंग में देरी हुई।
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