भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

अब स्वदेशी तकनीक से रोके जाएंगे Train Accident

  • रेल पटरियों पर लगेगी टीसीएएस डिवाइस

भोपाल। ट्रेन हादसों (Train Accidents) को रोकने के लिए रेलवे तकनीक पर जोर दे रही है। आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत रेलवे ने स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (Automatic Train Protection) प्रणाली विकसित किया है। विदेशी प्रौद्योगिकी (Foreign Technology) की बजाए रेलवे द्वारा विकसित ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम (Train Collision Avoidance System) को रेल पटरियों पर लगाने की तैयारी है। इससे ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के साथ किसी भी हादसों की आशंका को समाप्त करने में मदद मिलेगी। यह पायलेट को किसी भी भूल के लिए रोकने में सक्षम प्रणाली है। पश्चिम मध्य रेलवे (West Central Railway) के 2338 किमी के रेल मार्ग पर प्रणाली को पहले चरण में लगाया जा रहा है। पमरे सीपीआरओ राहुल जयपुरिया (WCR CPRO Rahul Jaipuria) ने बताया कि अभी तक रेलवे विदेशी तकनीक पर निर्भर था। पर अब एटीपी का स्वदेशी तकनीक तैयार किया गया है। इस तकनीक को खंडवा-इटारसी-जबलपुर-प्रयागराज रेल मार्ग पर लगाकर ट्रेनों की गति 130 किमी प्रतिघंटा करने की तैयारी है। टीसीएएस ट्रेन पायलेट (TCAS Train Pilot) को अधिकतम गति सीमा की जानकारी देता रहेगा। रेलवे की ओर से अलग-अलग रेलखंड पर ट्रेन की विभिन्न गति पूर्व से निर्धारित रहती है।

ट्रेनों के आपस में टकराने की आशंका कम
इस नए सिस्टम को लगाने से ट्रेनों के आमने-सामने की टक्कर की आशंका कम हो जाती है। विपरीत दिशा से आ रही ट्रेन के बारे में इंजन में सवार ड्राइवर को पहले ही अलर्ट मिल जाता है। इंजन में लगे आधुनिक उपकरण ड्राइवर को किसी भी भूल पर अर्लट कर देंगे। टक्कर से पहले ही ब्रेक लगने से हादसा टल जाएगा। रेलवे संचालन में सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए पमरे ने आधुनिक सिग्नलिंग और दूरसंचार प्रणाली भी अपनाने जा रहा है। वहीं चार नए आधुनिक सिंग्नलिंग प्रणाली की योजना बनाई है।

ट्रेन रेडियो के लिए के लिए मोबाइल आधारित स्पेक्ट्रम को मंजूरी
आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत सरकार ने स्टेशनों और ट्रेनों में सार्वजनिक सुरक्षा और सुरक्षा सेवाओं के लिए रेलवे को 700 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड में 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के आवंटन को मंजूरी दी है। इस स्पेक्ट्रम के साथ, रेलवे रेल मार्ग पर लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन आधारित मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार प्रणाली विकसित करने जा रही है। इस पर 25 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे और अगले पांच साल में यह पूरा होगा।

सुरक्षा के लिए नई सिग्नल प्रणाली अपना रही रेलवे
सीपीआरपी के मुताबिक, आधुनिक सिग्नल प्रणाली और दूरसंचार ट्रेन संचालन को सुरक्षित बनाती है। रेलवे अपने हर जरूरी उपकरणों को अपग्रेड कर रही है। आधुनिक सिग्नल और दूरसंचार में सिंग्नलिंग के ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम, ऑटोमेटिक ब्लॉक सिंग्नलिंग, सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग व दूरसंचार में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, सीसीटीवी और लॉन्ग टर्म एवोल्यूशन प्रणाली को अपनाने की तैयारी है

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