इंदौर न्यूज़ (Indore News)

अब घर बैठे निकाल सकते हैं प्रदेशभर के नक्शे

 


मप्र भूलेख पोर्टल में आज से मिलेगी नई सौगात…पहले कलेक्टर की अनुमति पर मिलते थे गांवों के नक्शे
इंदौर, संतोष मिश्र। मप्र के लिए यह अच्छी खबर है कि अब घर बैठे प्रदेश के किसी भी गांव के नक्शे (Maps) ऑनलाइन (online) निकाल सकते हैं। मप्र भू-अभिलेख पोर्टल (land records portal)  द्वारा आज से नई सौगात मिलेगी। सूत्रों के अनुसार घर बैठे ऑनलाइन प्रदेश के किसी भी कोने में बसे गांव के नक्शे निकालने के लिए आवेदक को मप्र भूलेख पोर्टल पर जाना होगा और वहां पब्लिक यूजर के अंतर्गत नक्शे की फाइल अपलोड करनी होगी। इसके बाद आवेदक को अपना आईडी, मोबाइल नम्बर (mobile number) और जी-मेल रजिस्टर्ड करना पड़ेगा। इसके बाद ओटीपी के माध्यम से एक पासवर्ड मिलेगा और फिर पासवर्ड व लॉगिन के माध्यम से नक्शे का अवलोकन करने के बाद फाइनल करने पर ऑनलाइन ही मोबाइल ऐप ( mobile app) व गूगल से पेमेंट करने के लिए पेमेंट जमा करने का ऑप्शन आएगा। एक गांव के नक्शे के लिए 5100 रुपए ऑनलाइन ही जमा करना होंगे, जिसके 15 से 20 मिनट बाद उसके आईडी पर उस गांव का नक्शा उपलब्ध हो जाएगा। इससे पहले किसी गांव का नक्शा लेने के लिए जिला प्रशासन (district administration) के यहां अनुमति देनी पड़ती थी। फिर कलेक्टर की अनुमति के बाद एसएलआर नक्शा उपलब्ध कराता था। इस कार्य में कई दिनों तक आवेदकों को कलेक्टोरेट के चक्कर भी लगाने पड़ते थे।


लैंड डिजिटलाइजेशन में मप्र को चौथी बार नंबर वन पर लाने की तैयारी
केंद्र सरकार द्वारा हर वर्ष जिस प्रदेश के लैंड डिजिटलाइजेशन अच्छे रहते हैं उन्हें रैंक दी जाती है। भू-अभिलेख कार्यालय द्वारा किए जा रहे बेहतर कार्यों का ही परिणाम है कि मध्यप्रदेश को पिछले 3 साल से नंबर वन स्थान मिल रहा है। वहीं चौथे साल, यानी इस वर्ष भी नंबर वन पर लाने के लिए अधिकारियों द्वारा तेजी से प्रयास किया जा रहा है। भू-अभिलेख विभाग के रवि कटियार ने बताया कि इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, खंडवा, खरगोन, धार और उज्जैन सहित पूरे प्रदेश में लैंड का रिकॉर्ड डिजिटलाइजेशन इतना सुव्यवस्थित है कि पूरे देश में नंबर वन स्थान मिलता है।


सिर्फ 20 गांवों के नहीं निकल सकते ऑनलाइन नक्शे
मध्यप्रदेश में गांवों की संख्या 50,000 से ज्यादा है। इनमें से 20 गांव ऐसे हैं, जिनके नक्शे वर्तमान में ऑनलाइन घर बैठे नहीं निकाले जा सकते। हालांकि भू-अभिलेख कार्यालय के अधिकारियों का प्रयास है कि एक-दो माह में इन गांवों को भी जोड़ लिया जाए। इसके लिए डिजिटल ऑनलाइन नक्शे अपलोडिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले 3 वर्षों से भू-अभिलेख कार्यालय के अधिकारियों की टीम इस कार्य में लगी हुई है, जिसका परिणाम है कि मध्यप्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों के नक्शे को भी ऑनलाइन जोड़ लिया गया।

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