जीवनशैली धर्म-ज्‍योतिष

151 साल पहले लिखी थी ओम जय जगदीश हरे आरती

ख्यात साहित्यकार पं. श्रद्धाराम शर्मा की आज पुण्यतिथि
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के कार्यक्रम या किसी धार्मिक अनुष्ठान में …ओम जय जगदीश हरे आरती अवश्य गाई जाती है। हर पूजा में इसका गायन इस आरती की लोकप्रियता को बताता है, लेकिन कम लोगों को पता है कि इस आरती के रचनाकार कौन हैं और इन्हें अपने जीवनकाल में गांव से निकाल दिया गया था। … ओम जय जगदीश हरे के लेखक थे पं. श्रद्धाराम शर्मा फिल्लौरी।
30 सितंबर 1837 में पंजाब के फिल्लौरी गांव में जन्मे श्रद्धाराम शर्मा धर्म प्रचारक, ज्योतिषी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, संगीतज्ञ थे। इन्होंने मशहूर आरती ओम जय जगदीश हरे लिखने के अलावा भी ज्योतिष और साहित्यिक रचनाएं की और इन्हें हिन्दी साहित्य के पहले उपन्यास भाग्यवती का रचनाकार भी माना जाता है। कऱीब 151 वर्ष लिखी गई यह आरती मंत्र और शास्त्र की तरह लोकप्रिय हो गई। ओम जय जगदीश हरे आरती जैसे भावपूर्ण गीत की रचना करने वाले पं. श्रद्धाराम शर्मा का निधन आज ही के दिन 24 जून 1881 को पाकिस्तान के लाहौर में हो गया था।


लोकप्रियता बढ़ती गई
श्रद्धाराम ने 1870 में ओम जय जगदीश आरती की रचना की थी उसके बाद से उनकी लोकप्रियता में जबर्दस्त इजाफा हुआ। आज स्थिति यह है कि देश के कोने-कोने में इस आरती को गाया जाता है। ओम जय जगदीश हरे आरती को सन् 1970 में मनोज कुमार की फिल्म पूरब और पश्चिम में महेंद्र कपूर ने भी गायी थी।

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