भोपाल। कोरोना से बचाव (protection from Corona) का सबसे बड़ा हथियार (biggest weapon) मानी जा रही वैक्सीन (Vaccine) को लेकर वैसे तो मध्य प्रदेश में रफ्तार देश के बाकी राज्यों के मुकाबले बेहतर है, लेकिन फिर भी यह जनसंख्या के मुकाबले में अभी बहुत कम साबित हो रही है. शुक्रवार को हुई कोरोना की समीक्षा बैठक में वैक्सीनेशन (Vaccination) को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं. उससे यह साफ है कि अभी वैक्सीनेशन (Vaccination) का टारगेट पूरा करने के लिए बहुत लंबा सफर तय करना पड़ेगा. आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के 47 प्रतिशत लोगों को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज़ लग चुका है. वहीं केवल 9 प्रतिशत को ही अभी दूसरा डोज़ लगा है.
इस रफ्तार को देखते हुए सीएम शिवराज ने अधिकारियों को इसमें तेजी लाने की ताकीद की है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि कोरोना वैक्सीन के दूसरे डोज़ के लिए टीकाकरण केन्द्रों पर अलग व्यवस्था करें. गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए विशेष व्यवस्था को जारी रखें. समीक्षा में पाया गया कि पन्ना, सीधी एवं अलीराजपुर जिलों में तुलनात्मक रूप से वैक्सीनेशन का काम धीमा है. इन सभी जिलों में वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने के निर्देश दिए गए.
सीमा पर चौकसी रहेगी जारी
समीक्षा बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर नियंत्रित हुई है, परन्तु तीसरी लहर की संभावनाएं अभी ख़त्म नहीं हुई हैं. केरल एवं महाराष्ट्र राज्यों में अभी भी बड़ी संख्या में कोरोना के प्रकरण आ रहे हैं. लिहाजा पूरी सतर्कता एवं सावधानियां रखें तथा तीसरी लहर संबंधी तैयारियां पूरी मुस्तैदी से करें.
कोरोना की स्थिति
हालांकि कोरोना की स्थिति को लेकर फिलहाल मध्य प्रदेश के हालात सामान्य होते दिख रहे हैं. शुक्रवार को सामने आए आंकड़ों के मुताबिक केवल 10 पॉजिटिव केस सामने आए हैं. इसके बाद एक्टिव केस घटकर 121 रह गए हैं. प्रदेश में लगभग 70 हजार टेस्ट रोज करने का दावा सरकार कर रही. प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 0.01 प्रतिशत है। कोरोना संक्रमण में प्रदेश देश में 30वें स्थान पर है.