उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

नए मास्टर प्लान का आज दूसरे दिन भी विरोध

  • सुबह दाल मिल चौराहा पर इंदिरानगर तथा आसपास की कॉलोनियों के रहवासी सैकड़ों की संख्या में इक_ा हुए-जनप्रतिनिधि भी पहुँचे

उज्जैन। सिंहस्थ क्षेत्र के अंतर्गत आ रही कॉलोनियों को हटाए जाने के निर्देश शासन-प्रशासन ने दिए हैं। साथ ही नए मास्टर प्लान 2035 को लेकर भी 8 मई तक दावे आपत्ति मांगे जा रहे हैं। कल इसी के विरोध में पीपलीनाका चौराहा पर क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में इक_ा हुए थे और आज सुबह फिर इंदिरानगर तथा आसपास की कॉलोनियों के रहवासी दाल मिल चौराहा पर एकत्रित हो गए। उल्लेखनीय है कि आगामी सिंहस्थ 2028 को देखते हुए तथा पिछले सिंहस्थ 2016 के दौरान मेला आयोजन के लिए जमीन की कमी होने के बाद अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण शासन को करना पड़ा था। इसके लिए अलग से अधिसूचना जारी करनी पड़ी थी। इधर नए मास्टर प्लान 2035 को लेकर भी तैयारी चल रही है और इसमें शामिल किए गए क्षेत्रों को लेकर दावे आपत्तियाँ भी शासन बुला रहा है। 8 मई तक दावे आपत्तियाँ देने की समय सीमा निर्धारित की गई है। 4 दिन पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद इसमें अपनी आपत्ति दर्ज करा चुकी है।


अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवीन्द्रपुरी महाराज ने बताया कि जहाँ-जहाँ सिंहस्थ लगता है तथा सिंहस्थ 2016 के दौरान जिस क्षेत्र में साधु-संतों के पांडाल, छावनियाँ, सेटेलाईट टाउन और क्राउन मैनेजमेंट के लिए शासन-प्रशासन ने जमीन का उपयोग किया था उस जमीन के किसी भी भाग को नए मास्टर प्लान में लेकर सिंहस्थ क्षेत्र से मुक्त कराए जाने के प्रस्ताव का अखाड़ा परिषद और साधु संत विरोध जता रहे हैं। इसे लेकर अखाड़ा परिषद की ओर से भी 4 दिन पहले शासन-प्रशासन को आपत्ति दर्ज करा दी गई है। इसमें विशेष रूप से जीवनपुर खेड़ा, सांवराखेड़ी मार्ग की जमीन को सिंहस्थ क्षेत्र से मुक्त करने के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध जताया गया है। दूसरी ओर कल पुराने शहर में पीपलीनाका, भैरवगढ़, गढ़कालिका क्षेत्र के रहवासियों ने सिंहस्थ भूमि के रूप में अधिसूचित की गई कॉलोनियों को मास्टर प्लान से हटाने की माँग को लेकर प्रदर्शन किया था। लोगों का कहना था कि वे यहाँ पिछले 30-40 सालों से रह रहे हैं और इस दौरान तीन बार सिंहस्थ मेला आयोजन भी हुआ है। इससे मेले में कोई परेशानी नहीं आई फिर उन्हें क्यों हटाया जा रहा है। लोगों की माँग पर विधायक पारस जैन और अन्य जनप्रतिनिधियों का यह भी कहना था कि जिला प्रशासन चाहे तो साल 2016 के बाद सिंहस्थ मेला क्षेत्र में बनी कॉलोनियों और अवैध निर्माणों पर नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है लेकिन इससे पहले बनी कॉलोनियों को सिंहस्थ क्षेत्र से मुक्त किया जाना चाहिए। आज इसी मांग को लेकर आगर रोड स्थित इंदिरानगर, मोहन नगर, शहीद नगर, सागर कॉलोनी, गणेश नगर आदि अन्य कॉलोनियों के रहवासी भी सड़कों पर उतर आए। दाल मिल चौराहा पर आज सुबह सभी एकत्रित हो गए। सभी ने माँग की कि उनकी कॉलोनियों को सिंहस्थ क्षेत्र तथा नए मास्टर प्लान के दायरे से बाहर रखा जाए। इस दौरान निगम सभापति सोनू गेहलोत और पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती भी लोगों के बीच पहुँच गए तथा प्रशासनिक अधिकारियों के सामने अलग-अलग कॉलोनियों के सैकड़ों रहवासियों की माँग रखी, साथ ही उनके दावे आपत्ति से संबंधित ज्ञापन भी अधिकारियों को दिलवाए।

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