भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

भाजपा नेत्री की गौशाला में 850 से ज्यादा गायों के शव रातोंरात दफनाए

  • जेसीबी के ड्रायवर ने किया खुलासा
  • प्रशासन ने सिर्फ 9 गायों की मौत बताई

भोपाल। बैरसिया में बसई गांव स्थित भाजपा नेत्री की गौशालाओं में सैकड़ों गायों की मौत पर सियासी घमासान मचा हुआ है। भोपाल जिला प्रशासन ने जहां अभी तक सिर्फ 9 गायों की मौत बताई है, वहीं मौतों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है कि गौ सेवा भारती गौशाला में 100 नहीं 850 गायों की मौत हुई है। यह खुलासा गायों के शव और कंकाल दफनाने के लिए गड्ढा खोदने वाले जेसीबी ड्राइवर शाहरुख ने किया है। जेसीबी चालक की मानें तो गाडिय़ों में भर-भरकर गायों के शव आ रहे थे, शाम चार बजे से गायों को दफनाने के लिए बैरसिया कचरा खंती में गड्ढा खोदने का काम शुरू हुआ। रात 12 बजे तक गायों के शवों को दफनाया गया। इसके लिए करीब 8-9 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया था। करीब 800 से 900 गायों में आधे कंकाल थे। दफनाने के बाद नमक और केमिकल डाला गया, जिससे दुर्गन्ध नहीं फैले। शाहरुख नगर पालिका बैरसिया के जेसीबी ड्राइवर हैं। रविवार से वह कचरा खंती में ही डटे हुए हैं।


गौशाला से निकल रहे शव
गायों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा। सोमवार को सुबह 2 गायों के शव निकाले गए। देर शाम तीन और गायों के शव ट्रैक्टर से ले जाए गए। इनकी मौतें सोमवार को उस दौरान हुई जब प्रशासन के अमले के साथ पशु चिकित्सकों की टीमें गौशाला में मौजूद थीं। चिकित्सकों ने इलाज किया, लेकिन वे गायों को नहीं बचा पाए। मरने वाली अधिकतर गायों की उम्र 5 से 7 साल के बीच रही होंगी।

कल सौंपी जाएगी रिपोर्ट
सोमवार से मजिस्ट्रियल जांच भी शुरू हो गई। बुधवार तक अंदर बैरसिया एसडीएम कलेक्टर को गायों की मौत की रिपोर्ट सौंपेंगे। भाजपा नेत्री निर्मला शांडिल्य की गौशाला में रविवार को कुएं में 20 गायों के शव, तो मैदान में 80 से ज्यादा गायों के शव और कंकाल पड़े मिले थे। इनमें से 8 गायों की मौत तो शनिवार रात को ही हुई थी। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने गौशाला संचालिका निर्मला पर केस दर्ज किया, वहीं प्रशासन ने गौशाला का संचालन अपने हाथ में ले लिया। निर्मला 20 साल से इस गौशाला का संचालन कर रही हैं।

गायों की मौत पर कमलनाथ ने उठाए सवाल
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बैरसिया में एक भाजपा नेत्री द्वारा संचालित गौ सेवा भारती नाम की गौशाला में सैकड़ों गायों के शव मिलने एवं प्रशासन द्वारा कार्रवाई के नाम पर की गई खानापूर्ति पर सवाल उठाए हैं। कमलनाथ ने कहा कि राजधानी से सटे इलाके की यह स्थिति है तो दूर-दराज के ग्रामीण इलाक़ों की स्थिति ख़ुद समझी जा सकती है। भाजपा सरकार में प्रदेश के कई जिलों से दम तोड़ती गायों की तस्वीरें निरंतर सामने आ रही है, धार्मिक भावनाएँ भी आहत हो रही है। सरकार व जि़म्मेदार मूकदर्शक बनकर यह सब देख रहे है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिये कोई ठोस कदम नही उठाये जा रहे है।

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