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भारतीय हथियारों से डरा पाकिस्तान, बिना उकसावे के ही लगा रहा ये अनर्गल आरोप

इस्लामाबाद । भारतीय सेना (Indian Army) के हथियारों (weapons) से पाकिस्तान (Pakistan) डर गया है और भारत (India) पर बेवजह गलत आरोप लगा रहा है। पाकिस्तान ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारत का ‘‘निरंकुश तरीके से हथियार जुटाना’’ क्षेत्र में असंतुलन पैदा कर रहा है, जिससे शांति और स्थिरता को खतरा है।

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार अहमद ने साप्ताहिक प्रेसवार्ता के दौरान एक सवाल के जवाब में यह बात कही, जिसमें भारतीय वायुसेना द्वारा पंजाब के आदमपुर और हलवारा वायुसेना स्टेशन पर एस-400 रूसी मिसाइल रक्षा प्रणाली की तैनाती के बारे में पूछा गया था, जो पाकिस्तान सीमा से करीब 90-100 किलोमीटर की दूरी पर है।

प्रवक्ता ने आरोप लगाया, ‘‘हथियारों की होड़ पाकिस्तान के लिए लंबे समय से चिंता का विषय रहा है और पिछले कुछ वर्षों में भारत द्वारा निरंकुश तरीके से हथियार जुटाने से हमारे क्षेत्र में असंतुलन पैदा हुआ है जोकि अब और बढ़ गया है। यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा है।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने उन चिंताओं को दोस्तों, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों के साथ साझा किया है और इन मुद्दों को संयुक्त राष्ट्र में संबंधित मंचों पर भी उठाया है।


उन्होंने कहा, “भारत ने जो सैन्य क्षमता हासिल की है, उसका लगभग 70 प्रतिशत वास्तव में पाकिस्तान के खिलाफ निर्देशित या तैनात किया गया है, इसलिए जाहिर है कि हम सभी संबंधित घटनाओं के बारे में बहुत चिंतित हैं।”

प्रस्तावित विश्वास निर्माण के उपायों पर भारत की प्रतिक्रिया के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत के साथ संबंध इस समय वास्तव में खराब हो गए हैं और भारत की कार्रवाइयों के कारण बढ़ गए हैं। खासकर पांच अगस्त, 2019 के बाद संबंध सुधारने की इस इच्छा के संबंध में हमने सीमा पार से कोई सकारात्मक संकेत नहीं देखा है। भारत के साथ व्यापार संबंधों के बारे में या निलंबित व्यापार को फिर से शुरू करने के लिए चल रही किसी भी चर्चा को लेकर पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने तुरंत कहा कि नहीं, ऐसी कोई चर्चा नहीं हो रही है।

गौरतलब है कि अगस्त 2019 में भारत सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने और राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में गिरावट आई है। भारत के फैसले पर पाकिस्तान से कड़ी प्रतिक्रिया आई थी, जिसके बाद राजनयिक संबंधों में गिरवाट आई थी और भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया गया था।

भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग था, है और रहेगा। भारत ने कहा है कि वह आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है। अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंधों पर, विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देश पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के आरोपों के कारण हालिया तनाव के बाद द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए काम कर रहे हैं। इमरान खान ने आरोप लगाया था कि उनकी सरकार गिराने के पीछे वाशिंगटन का हाथ था।

प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने प्रेसवार्ता के दौरान यह भी बताया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अगले सप्ताह कतर की यात्रा करेंगे, जबकि विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी चार यूरोपीय देशों – जर्मनी, डेनमार्क, स्वीडन और नॉर्वे के दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि ये यात्राएं पाकिस्तान द्वारा निरंतर गहन जुड़ाव और कूटनीति को प्रदर्शित करती हैं।

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