नई दिल्ली। भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों (Indian Defense Establishments) के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए कुछ गिरफ्तार गुजराती मछुआरों के सिम कार्ड (Sim cards of arrested Gujarati fishermen) का उपयोग करने में पाकिस्तान (Pakistan) की भूमिका सामने आई है। आंध्र प्रदेश जासूसी मामले में हैदराबाद की एक विशेष अदालत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) (National Investigation Agency (NIA)) द्वारा प्रस्तुत चार्जशीट के अनुसार, गुजरात के इन भारतीय मछुआरों समुद्र में मछली पकड़ने के दौरान 2020 में पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
गुजरात के रहने वाले दो शख्स गिरफ्तार
गुजरात के रहने वाले 27 वर्षीय अल्ताफ हुसैन गंचीभाई उर्फ शकील और एक पाकिस्तानी नागरिक वसीम का चार्जशीट में जिक्र है और इन पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से साजिश और जासूसी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। शकील और वसीम पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और 120 बी (आपराधिक साजिश), 121 ए (अपराध करने की साजिश) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के 66 सी के तहत आरोप लगाए गए हैं।
एनआईए ने दिसंबर में जांच शुरू की थी
मामला पिछले साल 10 जनवरी को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा जिले के काउंटर इंटेलिजेंस सेल पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। इसके बाद एनआईए द्वारा पिछले साल 23 दिसंबर को पाकिस्तानी एजेंटों द्वारा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की आपराधिक साजिश से संबंधित मामला फिर से दर्ज किया गया था। इनका इरादा फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके नागरिकों को अपने एजेंट के रूप में शामिल करके भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों से रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी महत्वपूर्ण और संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने का था।
चार्जशीट में कहा गया है, जांच से पता चला है कि शकील ने पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स के निर्देश पर भारतीय सिम नंबरों पर प्राप्त ओटीपी को पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स को भारतीय रक्षा बलों और प्रतिष्ठानों से संबंधित संवेदनशील जानकारी जमा करके और इसे आगे भेजकर व्हाट्सएप में सक्रिय कर दिया था। चार्जशीट के मुताबिक ये सिम कार्ड गुजरात के भारतीय मछुआरों के नाम से लिए गए थे।
चार्जशीट में कहा गया है कि जांच में पाया गया कि ये सिम कार्ड अवैध रूप से गिरफ्तार आरोपी अल्ताफ हुसैन को भारत वापस भेजे गए थे, जिसने पाकिस्तान में अपने आकाओं के निर्देश पर ऐसे सात सिम कार्ड सक्रिय किए थे।
Share: