- एक घरवालों को बेहतर जीवन देने के लिए कर रहा था आईटीआई
- दूसरा हाथ पीले होने के पहले ही चला गया
इन्दौर। पालदा क्षेत्र (Palda Area) स्थित हनुमान मंदिर (Hanuman Mandir) के पास परसों हुई दो आदिवासी युवकों की हत्या ( Murder) के मामले में पुलिस (Police) ने दो आरोपियों को भले ही गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इसके पीछे की कहानी कुछ और बयां कर रही है। पुलिस (Police) उन मास्टर माइंडों (Master Minds) की तलाश कर रही है, जिनके कारण यह घटना हुई। बताया जा रहा है कि जिनकी हत्या ( Murder) हुई, वे परिवार में इकलौते थे। उनके जाने के बाद अब घर में चिराग जलाने वाला भी कोई नहीं बचा है।
दोहरे हत्याकांड (Double Murder) में जान गंवाने वाले 22 वर्षीय मयंक कनासे का पिता दिनेश कल पोस्टमार्टम रूम (Post-mortem Room) के बाहर बिलखते हुए कह रहा था कि पोरिया नी मानी रियो थे। हूं न उकी मां दो साल से हाथ पीला करन चाई रिया था। दिनेश कनासे कहा कि उसकी बलवाड़ा (Balwara) के पास थरवर टांडा में पांच एकड़ जमीन है। आदिवासी परिवारों में इतनी जमीन से ही सुखी जीवन चल जाता है। मयंक को बारहवीं तक पढ़ाया था। उसे खेती-किसानी संभालने को कहा, लेकिन वह मां को सुविधाएं देना चाहता था, इसलिए इन्दौर आकर आईटीआई करने लगा था और दो साल से यहीं था। वह न तो हमसे किराए के पैसे लेता था न खाने-खर्चे के। वह हर तीन महीने 6 से 7 हजार रुपए भेजता था। उसके पिता का कहना है कि वह शांत स्वभाव का था, उसे क्यों मार दिया पता नहीं। शव को लेने गांव के सौ से ज्यादा लोग पहुंचे थे। दूसरे युवक अमित के पिता गुलाबसिंह मुजाल्दे का कहना था कि अमित बड़ा ही जिद््दी था और शान-शौकत से शहरी जिंदगी जीने की आदत थी। उसने मां से कहा था कि दो साल बाद आऊंगा और अच्छा मकान बनाकर उसमें तुमको रखूंगा, लेकिन उसकी हसरत पूरी नहीं हो सकी।