नई दिल्ली। टोक्यो खेलों (Tokyo Games) में महिला एकल क्लास 4 वर्ग के फाइनल में भारत (India) की भाविना पटेल (Bhavina Patel) को हार का सामना करना पड़ा. इस हार के बावजूद भाविना पैरालंपिक (Paralympic) में पदक जीतने वाली भारत (India) की पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गई हैं. उन्होंने रजत पदक पर कब्जा किया.
रविवार को 34 साल की भाविना को फाइनल में चीन (China) की वर्ल्ड नंबर-1 झाउ यिंग ने 11-7, 11-5, 11-6 से मात दी. भाविना ने शनिवार को सेमीफाइनल में चीन की ही झांग मियाओ को 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 से मात देकर फाइनल में जगह बनाई थी.
मौजूदा पैरालंपिक (Paralympic) खेलों में यह भारत (India) का पहला पदक है. भाविना ने पहले गेम में झाउ यिंग को अच्छी टक्कर दी, लेकिन चीन की दो बार की पूर्व स्वर्ण पदक खिलाड़ी ने एक बार लय हासिल करने के बाद भारतीय खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया और सीधे गेम में आसान जीत दर्ज की.
शुक्रवार को पैरालंपिक (Paralympic) सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारत की वह पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गई थीं. उन्होंने क्वार्टर फाइनल में सर्बिया की बोरिस्लावा रांकोविच को 11-5, 11-6, 11-7 से हराकर टेबल टेनिस में भारत के लिए पदक पक्का कर लिया था.
क्लास 4 वर्ग के खिलाड़ियों का बैठने का संतुलन सही रहता है और हाथ पूरी तरह से काम करते हैं. उनके शरीर में विकार मेरूदंड में चोट के कारण होता है.
गुजरात के मेहसाणा की भाविना पटेल ने 13 साल पहले अहमदाबाद के वस्त्रापुर इलाके में नेत्रहीन संघ में खेलना शुरू किया, जहां वह दिव्यांगों के लिए आईटीआई की छात्रा थी. बाद में उन्होंने दृष्टिदोष वाले बच्चों को टेबल टेनिस खेलते देखा और इसी खेल को अपनाने का फैसला किया.
भाविना पटेल 2011 में दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी भी बनीं, जब उन्होंने पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में भारत के लिए रजत पदक जीता था. अक्ट्रबर 2013 में उन्होंने बीजिंग में एशियाई पैरा टेनिस चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था.
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