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महाराष्ट्र की राजनीति पर पवार ने नासिक में जनता से माफी मांगी, जानिए क्‍या कहा

नासिक (Nashik)। शरद पवार (Sharad Pawar) ने नासिक के येवला में रैली संबोधित करते हुए लोगों से माफी मांगी। यहां से विधायक छगन भुजबल (MLA Chhagan Bhujbal) का नाम लिए बिना शरद पवार  (Sharad Pawar) ने कहा कि उनका फैसला गलत था इसलिए वह माफी मांगते हैं।

पवार ने कहा कि एनसीपी की यह रैली किसी पर कोई आरोप लगाने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि “मैं यहां आप सभी (येओला के लोगों) से माफी मांगने आया हूं। मेरा निर्णय गलत था, आपने मुझ पर भरोसा किया और मेरी पार्टी को वोट दिया। कभी सबसे करीबी नेताओं में गिने जाने वाले छगन भुजबल की बगावत से आहत शरद पवार ने कहा, येओला की जनता ने एनसीपी का साथ दिया, लेकिन उनका निर्णय (येवला से छगन भुजबल को विधायक बनाने का) विफल रहा।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने नासिक की जनसभा में भावुक अपील करते भी दिखे। उन्होंने कहा कि जनता से क्षमा मांगना मेरा कर्तव्य है। अगली बार जब मैं दोबारा यहां आऊंगा तो वादा करता हूं कि गलती नहीं दोहराऊंगा।

बारिश में भीगते हुए, शरद पवार ने जब शनिवार को नासिक में रैली में माइक संभाली तो लोगों को लगा पवार सीनियर बगावती नेताओं का एक-एक करके हिसाब करेंगे। उन्हें बूढ़ा बताने वाले भतीजे अजित पवार पर तंज कसते हुए पवार ने कहा, उम्र पर टिप्पणी करने वाले लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

भोपाल में पीएम मोदी के हालिया भाषण का जिक्र करते हुए शरद पवार ने कहा कि पीएम मोदी को उन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जिन पर उन्होंने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। शरद पवार ने कहा कि पीएम मोदी के पास सारी सरकारी मशीनरी है।



बता दें कि प्रधानमंत्री ने अजित पवार और उनके समर्थकों के सरकार में शामिल होने से कुछ दिन पहले एनसीपी नेताओं पर 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। बारिश के बीच नासिक में शनिवार को हुई रैली शरद पवार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। लोगों तक भावनात्मक पहुंच के लिहाज से ये जनसभा बेहद अहम है क्योंकि पिछले एक हफ्ते में असली एनसीपी कौन है की लड़ाई तेज हो गई है।

उपमुख्यमंत्री पद की शपथ से दो दिन पहले 30 जून को अजित पवार ने घोषणा की थी कि उन्हें राकांपा का अध्यक्ष चुना गया है। शरद पवार ने अजित पवार के दावों का खंडन किया। शरद पवार ने नई दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में घोषणा की कि सभी विद्रोहियों को पार्टी से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। हालांकि, अजित पवार ने अपने पक्ष में अधिक विधायकों का दावा किया है। अजित पवार खेमे के साथ एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के अनुसार, नंबर गेम जैसी कोई परिस्थिति ही नहीं है क्योंकि एनसीपी में कोई विभाजन नहीं हुआ है।

यह भी रोचक है कि प्रफुल्ल पटेल ने कथित तौर पर कहा था कि शरद पवार की सभी गतिविधियां बेटी सुप्रिया सुले के इर्द-गिर्द घूमती हैं। शनिवार को पवार सीनियर के साथ टिके नेता जयंत पाटिल ने खंडन किया।
जयंत पाटिल के अनुसार, शरद पवार ने कहा कि सुप्रिया सुले ने लोकसभा चुनाव जीता, जबकि प्रफुल्ल पटेल हार गए। पटेल के हारने के बावजूद उन्हें एनसीपी की तरफ से राज्य सभा भेजा गया।

पार्टी कैडर को दो टूक संदेश में शरद पवार ने कहा कि उनकी उम्र का मुद्दा न उठाया जाए। उन्होंने कहा कि वह पार्टी का नेतृत्व करना जारी रखेंगे। नासिक की रैली से पहले पवार ने एनसीपी के पुनर्गठन के मिशन की शुरुआत की।

शरद पवार ने कहा कि वह न तो थके हैं और न ही सेवानिवृत्त हुए हैं। ओरल कैंसर से पीड़ित शरद पवार की उम्र और स्वास्थ्य उस समय चर्चा में आ गई थी, जब अजित पवार ने खुलेआम शरद पवार को संन्यास लेने की नसीहत दी।

भतीजे अजित ने 83 साल के चाचा शरद पवार पर उनकी उम्र को लेकर हमला बोला और कहा कि अब उनके लिए राजनीति से संन्यास लेने का समय आ गया है, हालांक, अजित की इस टिप्पणी की कई वरिष्ठ राजनेताओं ने पार्टी लाइन से इतर जाकर मुखर आलोचना की।

महाराष्ट्र की सियासत पर नजर रखने वाले राजनीतिक पंडितों का मानना है कि भले ही जुलाई में अजित पवार ने तीसरी बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ कई एनसीपी विधायक भी सरकार में शामिल हुए, लेकिन ये अचानक हुई घटना नहीं, तैयारियां 6 महीनों से हो रही थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अजित सिंचाई और सहकारी बैंक घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई को लेकर चिंतित थे। इसके अलावा एनसीपी की कमान सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को सौंपे जाने पर भी अजित असंतुष्ट थे।

बता दें कि शरद पवार के भतीजे अजित पवार व कई अन्य एनसीपी विधायकों ने भाजपा-शिवसेना के गठबंधन वाली सरकार का दामन थाम लिया है। तल्ख रिश्तों का अंदाजा इसी से होता है कि युवा अजित ने 83 साल के पवार को रिटायरमेंट की नसीहत भी दे डाली।

गौरलतब है कि गत रविवार को महाराष्ट्र के राजभवन में गवर्नर रमेश बैस ने अजित को डिप्टी सीएम, जबकि आठ अन्य एनसीपी विधायकों को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार में मंत्री पद की शपथ दिलाई।

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