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राज्यपाल कलराज मिश्र को पद से हटाने हाईकोर्ट में याचिका दायर

हाईकोर्ट ने भाजपा विधायक और बसपा की याचिका खारिज की

जयपुर। राजस्‍थान का सत्‍ता संग्राम अदालत से लेकर राजभवन तक में चल रहा है। अब वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता शांतनु पारीक ने राजस्‍थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर प्रदेश के राज्‍यपाल कलराज मिश्र को हटाने की मांग कर दी है। उन्‍होंने नबाम रेबिया मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्‍लेख करते हुए कहा कि राज्‍यपाल ने कैबिनेट नोट के बाद भी विधानसभा का सत्र न बुलाकर संवैधानिक सिद्धांतों का उल्‍लंघन किया है। दूसरी तरफ, बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले में हाईकोर्ट ने बीजेपी विधायक मदन दिलावर की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने बसपा की अर्जी भी ठुकरा दी है।
इससे पहले सोमवार को ही बीजेपी विधायक मदन दिलवार की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें बहुजन समाज पार्टी के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया था कि बीएसपी राष्ट्रीय पार्टी है और पार्टी के विलय के बिना विधायकों का विलय अलग से कांग्रेस में नहीं हो सकता है। इसी को आधार बनाकर बीजेपी विधायक मामले को हाईकोर्ट में ले गए हैं।
बीजेपी विधायक दिलावर ने कहा कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के सामने 4 महीने पहले बीएसपी विधायकों के विलय के याचिका दायर की थी, लेकिन नए स्पीकर ने उन्हें न तो सुना न नोटिस दिया। इतना ही नहीं बिना जानकारी के कुछ दिन पहले स्पीकर ने यह याचिका खारिज कर दी। इसके बाद अब हाईकोर्ट के शरण में पहुंचा हूं। बता दें राजस्थान में कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले सचिन पायलट अपने समर्थकों के साथ बगावत कर चुके हैं। कांग्रेस ने उन्हें पीसीसी अध्यक्ष और अशोक गहलोत सरकार ने उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया है।
इस बीच, बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा हाई कोर्ट पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि बसपा के 6 विधायकों की सदस्‍यता को लेकर याचिका दायर करने वाले हैं। इधर, बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने ​विधायकों के कांग्रेस में विलय को वैध नहीं बताया है। मिश्रा द्वारा कहा गया है कि बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और जब तक पूरी पार्टी का विलय नहीं हो जाता 6 विधायकों का कांग्रेस में विलय वैध नहीं है। ये सभी 6 विधायक बसपा के सिम्बल पर चुनाव जीतकर आए हैं, जो पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती द्वारा जारी किए गए थे। लिहाजा सभी 6 विधायक पार्टी के निर्देश मानने के लिए बाध्य हैं। सभी 6 विधायकों को पार्टी द्वारा नोटिस जारी किए गए हैं और पार्टी के निर्देश मानने की हिदायत दी गई है। अब जबकि सियासी घमासान छिड़ा है तो पार्टी ने एक बार फिर से व्हिप जारी कर दिया है।

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