इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इंदौर में प्लाज्मा डोनेशन को बढ़ावा, घर जाकर जांचेंगे एंटीबॉडी

मेडिकल कॉलेज के पास स्वस्थ हुए मरीजों का डाटा… आज से काउंसलिंग भी करेंगे… गंभीर मरीजों के लिए उपयोगी है प्लाज्मा
इंदौर।  कोरोना से पीडि़त गंभीर मरीजों को जहां अनुपलब्ध टोसिलिमिजुमैब इंजेक्शन (tocilimizumab injection) लगाने की सलाह दी जाती है, वहीं स्वस्थ हो चुके मरीजोंं का प्लाज्मा (Plasma) भी उपयोगी साबित होता है, लेकिन इंदौर में इंदौर और प्लाज्मा (Plasma) की कमी के चलते कई मरीजों की मौत हो गई। हालांकि कई संगठन प्लाज्मा डोनेट करवा भी रहे हैं। अब प्रशासन ने इसकी पहल की है और प्लाज्मा बैंक तैयार करने के लिए आज से डोनेशन का अभियान शुरू किया जा रहा है। वहीं स्वस्थ हो चुके मरीजों की काउंसलिंग करवाकर उनकी एंटीबॉडी (antibody) की जांच भी घर जाकर करवाई जाएगी और अच्छी एंटीबॉडी (antibody) मिलने वाले लोगों से प्लाज्मा हासिल किया जाएगा। इंदौर में प्लाज्मा (Plasma) लेने वाली अच्छी किस्म की मशीनें बड़ी संख्या में उपलब्ध है और एक डोनर से 400 से 500 एमएल प्लाज्मा लिया जा सकता है, जो दो मरीजों को देने के लिए पर्याप्त रहता है।


अभी इंदौर में बड़ी संख्या में मरीजों की मृत्यु सही वक्त पर इलाज ना मिलने, ऑक्सीजन की कमी, इंजेक्शनों का टोटा और प्लाज्मा (Plasma) की अनुपलब्धता के चलते भी हो गई है। यहां तक कि प्लाज्मा किट का भी टोटा पडऩे लगा। वहीं दामोदर युवा संगठन जैसे ग्रुप लगातार प्लाज्मा डोनेट भी करवा रहे हैं। कुछ सेंटरों ने हालांकि इसमें भी लूटपट्टी शुरू कर दी और 18 से 25 हजार रुपए की राशि वसूल करने लगे। जबकि इसकी किट 6 से 7 हजार रुपए अधिकतम कीमत पर मिल जाती है। अब प्लाज्मा डोनेशन के लिए संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा की पहल पर आज से विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है और एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि आज पहले दिन ही 4 से 5 स्वस्थ हो चुके मरीजों से प्लाज्मा डोनेट कराया भी जा रहा है और हमारे पास पिछले डेढ-दो महीने के स्वस्थ हो चुके मरीजों के डाटा भी हैं। खासकर सुपर स्पेशिएलिटी, एमटीएच चैस्ट सेंटर से लेकर सरकारी अस्पतालों में भर्ती और स्वस्थ हुए मरीजों के नाम, उनके मोबाइल नम्बर भी हैं, जिनके सम्पर्क कर उनकी काउंसलिंग भी की जाएगी और इनमें से जो प्लाज्मा देने के हिसाब से फिट मिलेंगे उनके घर जाकर एंटीबॉडी (antibody) टेस्टिंग के सैम्पल भी लिए जाएंगे और फिर जिनकी एंटीबॉडी (antibody) अच्छी है उनसे प्लाज्मा डोनेट करवाएंगे। वहीं संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए प्लाज्मा डोनेशन अभियान की रणनीति बनाई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बताया गया कि प्लाज़्मा डोनेशन में वही शर्तें निर्धारित रहती है जो रक्तदान के लिए आवश्यक रहती है। डोनर की आयु 18 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से कम होना चाहिए। उसे कोई पुरानी गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डॉक्टर अशोक यादव ने बताया कि इंदौर में प्लाज़्मा लेने के लिए उम्दा गुणवत्ता की मशीनें उपलब्ध हैं। डोनर से 400 से 500 एमएल प्लाज़्मा लिया जाता है। जो कि दो व्यक्तियों को डोज देने के लिए पर्याप्त रहता है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में आयुक्त नगर निगम सुश्री प्रतिभा पाल ने उन परस्थितियों का ज़िक्र किया जिनके कारण कोई डोनर प्लाज़्मा डोनेशन में हिचकिचाहट रखता है। उन्होंने बताया कि प्राय: डोनर हॉस्पिटल नहीं आना चाहता साथ ही वर्तमान परिस्थितियों में प्लाज़्मा डोनेशन के लिए एक सुरक्षित वातावरण भी चाहता है। संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने व्यवस्था बनाते हुए निर्देश दिए कि हम ऐसे व्यक्ति जो प्लाज़्मा डोनेट करना चाहते हैं उनसे नगर निगम की टीम एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा संपर्क करेंगे और उनकी काउंसलिंग करेंगे। डोनेशन के लिए तैयार होने पर हम उनके घर में पैरामेडिकल स्टाफ़ भेज कर एंटीबॉडी की जाँच करेंगे इसके बाद एक बेहद सुरक्षित स्थल और वातावरण में उसे प्लाज़्मा डोनेशन के लिए बुलाया जाएगा।


दिल्ली और मुंबई में टोसी की जरूरत इसलिए कम पड़ी
संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा (Dr. Pawan Kumar Sharma) ने बताया कि दिल्ली और मुंबई में टोसिलिमिजुमैब (tocilimizumab) जैसे इंजेक्शनों की जरूरत इसलिए भी कम पड़ी, क्योंकि वहां पर प्लाज्मा का तुलनात्मक रूप से अधिक उपयोग किया गया। उन्होंने उदाहरण देते हुए यह भी कहा कि खुद उनके पिता जी को जब कोरोना संक्रमण हुआ तो प्लाज्मा के कारण ही जीवन रक्षा में महत्वपूर्ण मदद मिली। इंदौर में चूंकि अभी पिछले दिनों बड़ी संख्या में लोग संक्रमित होकर स्वस्थ हो चुके हैं। लिहाजा उनसे प्लाज्मा डोनेट कराया जा सकता है, ताकि कई गंभीर अस्पतालों में भर्ती मरीजों की जान बचाई जा सके। इधर जिस स्थान पर प्लाज़्मा डोनेशन होगा वहाँ पर उसके लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया जाएगा ताकि डोनर स्वयं को सुरक्षित महसूस कर सके। मीडियाकर्मियों ने भी सुझाव देते हुए कहा कि कहा कि ऐसे डोनर जो प्लाज़्मा देने के लिए हास्पिटल में नहीं आना चाहते हैं उन्हें हम विकल्प भी दें। इंदौर में हमारे पास प्लाज़्मा डोनेशन के लिए एक बड़ी संख्या उपलब्ध है।

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