मुख्यमंत्री बोले- उनके प्रयासों को मध्यप्रदेश का पूरा सहयोग
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि आज हमारा विश्व पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहा है। आने वाले समय में सबसे बड़ी चिंता प्रकृति संरक्षण की है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पूरी दुनिया में पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। उनके नेतृत्व को भारत के साथ अन्य राष्ट्र भी स्वीकार करते हैं। वास्तव में प्रधानमंत्री मोदी के यह प्रयास अभिनन्दनीय है। उनके प्रयासों को मध्यप्रदेश पूरा सहयोग करेगा। आम लोगों की भागीदारी के साथ पर्यावरण संरक्षण के महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दीपावली के अवसर पर मीडिया को जारी बयान में कहा कि जी-20 राष्ट्रों की चिंता है कि पृथ्वी को बचाएं। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने विस्तार पूर्वक अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड और ग्रीन ग्रेड की पहल के बीच, सहयोग से एक साझा और मजबूत वैश्विक ग्रिड विकसित किया जा सकता है। यह एक रचनात्मक पहल है। इससे कार्बन उत्सर्जन और ऊर्जा लागत भी कम होगी। यही नहीं विभिन्न देशों और क्षेत्रों के बीच सहयोग के नए मार्ग भी खुलेंगे।
कॉप-26 में विश्व को संदेश दिया है प्रधानमंत्री मोदी ने
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विश्व स्तर पर कॉर्बन उत्सर्जन कम करने और वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस की अधिकतम वृद्धि तक सीमित रखने और समूचे पर्यावरण को संतुलित रखने के उद्देश्य से सदस्य देशों को एकजुट किया जा रहा है। यूके के ग्लासगो में चल रहे संयुक्त राष्ट्र संघ के कॉप-26 (क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज़) में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की ओर से पांच वादे किए हैं। इस संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन में भारत ने वर्ष 2030 तक अपनी गैर जीवाश्म ऊर्जा क्षमता 500 गीगावाट तक पहुंचाने, ऊर्जा की 50 प्रतिशत जरूरत अक्षय ऊर्जा से पूरी करने, कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में एक बिलियन (अरब) टन की कमी करने और अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता (इन्टेंसिटी) को 45 प्रतिशत से भी कम करने का वादा किया है। इसके अलावा वर्ष 2070 तक भारत द्वारा नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करने की बात भी कही गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट की बात भी कही है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भारत के प्रयासों को अन्य राष्ट्रों ने महत्वपूर्ण माना है। हमारे देश के सभी प्रांतों में इस संबंध में होने वाले प्रयास भी मायने रखते हैं। मध्यप्रदेश इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएगा।
गोवर्धन पूजा और अंकुर अभियान से होगी नई शुरुआत
चौहान ने कहा कि आज भारत के साथ ही अन्य राष्ट्रों को भी गोवर्धन पूजा की परम्परा की प्रासंगिकता और उपयोगिता का अहसास हो रहा है। दीपावली के दूसरे दिन की जाने वाली गोवर्धन पूजा, वास्तव में प्रकृति की पूजा है। गोवर्धन पूजा का दिन पर्यावरण बचाने का संदेश देता है। भगवान श्री कृष्ण द्वारा सर्वकल्याण के भाव से अपनी कनिष्ठिका पर गोवर्धन पर्वत को उठाया गया था। उन्होंने ब्रजवासियों से कहा था कि वे प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा कर अन्नकूट का पर्व मनाएं, तब से यह परम्परा चल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर्व का आज भी महत्व है। यह पर्व प्रासंगिक है, युवा पीढ़ी की प्रकृति के महत्व से अवगत करवाने वाला पर्व है। बिना वृक्षों और पुशओं के मनुष्य के जीवन का भी अर्थ नहीं है। उन्होंने कहा कि गौमाता अद्भुत है। गाय के दूध से और गोमूत्र से अनेक औषधियां निर्मित होती हैं। गौवंश की पूजा से संतोष मिलता है।
चौहान ने कहा कि शुक्रवार, 05 नवम्बर को उज्जैन में गोवर्धन पूजा और अंकुर अभियान से जुड़ी महत्वपूर्ण गतिविधियां सम्पन्न होने जा रही हैं। मैं स्वयं इनमें उपस्थित रहूंगा। महाकाल परिसर और अन्य स्थानों पर अंकुर वालंटियर्स से चर्चा भी होगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा प्रदेश के अन्य वालंटियर्स भी इससे जुड़ेंगे। इस संवाद कार्यक्रम के पश्चात प्राप्त सुझावों को नोट किया जाएगा। राज्य शासन द्वारा सुझावों पर आवश्यक कदम भी उठाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी का आह्वान है सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सभी की सहभागिता का आह्वान किया है। सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग आज बहुत आवश्यक है। मध्यप्रदेश सरकार का संकल्प है कि ग्रीन एनर्जी का अधिकतम उपयोग हो। कार्बन गैसों का उत्सर्जन शून्य किया जाए। ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के उपयोग को प्रोत्साहन मिले। बिजली की बचत के लिए प्रत्येक स्तर पर सघन प्रयास हों। अनावश्यक विद्युत उपयोग न हो। मध्यप्रदेश शासन ने ऊर्जा साक्षरता अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इससे सभी नागरिक जुड़ें इसके लिए प्रयास प्रारंभ किए गए हैं। हर व्यक्ति ऊर्जा की बचत को अपने दैनिक जीवन का अंग बनाए, यह आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कुसुम योजना के अंतर्गत दो मेगावाट तक सौर परियोजना प्रारंभ करने पर प्रोत्साहनकारी प्रावधान किए गए हैं। योजना में किसान, किसानों के समूह, सहकारी समितियों और पंचायतों को लघु सौर परियोजनों की स्थापना और उनके क्रियान्वयन के लिए शासन से सहयोग प्राप्त होगा।
अंकुर कार्यक्रम और हरितिमा विकास
चौहान ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हरितिमा का विकास बहुत अनिवार्य है। हर व्यक्ति जन्म दिन और विवाह वर्षगांठ पर पौधा लगाने के साथ ही परिवार के दिवंगत सदस्य की स्मृति में भी पौधे लगाने का कार्य करे। उन्होंने कहा कि वह इस वर्ष नर्मदा जयंती से प्रतिदिन एक पौधा लगाने के संकल्प का पालन कर रहे हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने प्राणवायु के संवर्धन के उद्देश्य से अंकुर कार्यक्रम प्रारंभ किया है। यह एक जन उत्सव है जिसमें प्रदेशवासी बढ़चढ़कर हिस्सेदारी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अंकुर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है। (एजेंसी, हि.स.)