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PM मोदी ने कहा- कृषि बजट नौ साल में पांच गुना बढ़कर 1.25 लाख करोड़ से अधिक

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का कृषि बजट 9 साल में पांच गुना बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। 2014 में हमारे सत्ता में आने से यह 25,000 करोड़ रुपये से कम था।

कृषि व सहकारिता क्षेत्रों के हितधारकों के साथ बजट के बाद एक वेबिनार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा, भारतीय कृषि क्षेत्र आजादी के बाद लंबे समय तक संकट में रहा। देश को खाद्य सुरक्षा के लिए बाहरी देशों पर निर्भर होना पड़ा। लेकिन, अब हालात बदल गए हैं। पिछले कुछ वर्षों में सरकार की नीतियों व किसानों के अथक प्रयासों ने देश को न सिर्फ आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि आज हम कई कृषि उत्पादों का निर्यात कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार दलहन व तिलहन का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। खर्च के कुछ आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, 2021-22 में दालों के आयात पर 17,000 करोड़ रुपये, मूल्य वर्धित खाद्य उत्पादों के आयात पर 25,000 करोड़ और खाद्य तेलों के आयात पर 1.5 लाख करोड़ खर्च किए गए। कुल मिलाकर, कृषि आयात का योग करीब दो लाख करोड़ रुपये था। पीएम 11 मार्च तक ऐसे 12 वेबिनार को संबोधित करेंगे।


सहकारिता में नई क्रांति से बदलेगी तस्वीर
प्रधानमंत्री ने कहा कि सहकारिता से देश की तस्वीर बदलेगी, क्योंकि इस क्षेत्र में नई क्रांति हो रही है। सहकारी क्षेत्र पहले केवल कुछ राज्यों तक सीमित थे। अब पूरे देश में इसका विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा, जब तक कृषि क्षेत्र की चुनौतियों को खत्म नहीं किया जाता, तब तक पूर्ण विकास का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता है। मौसम के बदलाव के बारे में तत्काल जारी देने को ड्रोन इस्तेमाल पर भी जोर दिया गया।

बजट कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप पर केंद्रित
पीएम ने कहा, बजट कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप पर केंद्रित है। इन्हें धन आवंटित करने के लिए कोष का भी प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा, कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप की संख्या नौ साल पहले लगभग नगण्य थी, जो अब बढ़कर 3,000 से अधिक हो गई है।

मोटे अनाज को ‘श्री अन्न’ के रूप में पहचान दी
2023-24 के बजट में मोटे अनाज को ‘श्री अन्न’ की पहचान देने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके प्रचार, प्रसार और प्रोत्साहन से छोटे किसानों को फायदा होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की पहल पर पूरी दुनिया इस साल ‘इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर’ मना रही है।

  • ‘श्री अन्न’ को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल जाने से देश के छोटे किसानों के लिए दुनिया में मोटे अनाज के विपणन का बाजार तैयार हो रहा है।
  • इस क्षेत्र में स्टार्टअप के विकास की संभावना बढ़ी है। इसकी मदद से किसान दुनिया के बाजारों तक अपनी उपज को लेकर जा सकेंगे।
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