- इन केंद्रों को प्रदूषण की जांच के लिए परिवहन विभाग लाइसेंस जारी करता
भोपाल। परिवहन विभाग अब प्रदेश के पीयूसी केंद्रों को सेंट्रल सर्वर से जोडऩे जा रहा है। जिस भी वाहन का प्रदूषण का सर्टिफिकेट जारी होगा, उसका डेटा सर्वर में फीड हो जाएगा। इससे सर्टिफिकेट की निगरानी हो सकेगी। विभाग को केंद्रों से डेटा भी नहीं मांगना पड़ेगा। प्रदेश भर में 400 से अधिक प्रदूषण जांच केंद्र संचालित हैं। इन केंद्रों को प्रदूषण की जांच के लिए परिवहन विभाग लाइसेंस जारी करता है। प्रदूषण की जांच में लापरवाही बरती जा रही हैं। विभाग ने समय-समय पर इन केंद्रों की जांच भी कराई, जिसमें यह तथ्य सामने आए थे। केंद्रों पर प्रदूषण जांच का रिकार्ड संधारित नहीं था। इसके चलते कुछ केंद्रों को लाइसेंस भी निलंबित किए थे। प्रदेश में प्रदूषण की जांच ठीक से हो सके, इसको लेकर परिवहन आयुक्त ने केंद्रों को सेंट्रल सर्वर से जोडऩे का निर्णय लिया है।
सर्वर से जुडऩे के बाद प्रदूषण जांच केंद्र पर वाहनों के प्रदूषण जांच से संबंधित हर जानकारी सर्वर में सुरक्षित हो जाएगी। जिन केंद्रों पर बिना जांच किए वाहनों को पीयूसी सर्टिफिकेट देने या जांच सही तरीके से नहीं करने पर विभाग के संज्ञान में आ जाएगा। केंद्रों पर कार्रवाई हो सकेगी। विभाग केंद्रों पर निगरानी के लिए सेंट्रल सर्वर से जोड़ रहा है। इस व्यवस्था के लागू होने से डेटा के लिए केंद्रों को भरोसे नहीं रहना पड़ेगा। वाहन की जानकारी देखी जा सकती है। परिवहन विभाग की ओर से हर पेट्रोल पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए पेट्रोलियम कंपनी व जिला आपूर्ति विभाग को पत्र जारी कर हो चुका है। हर पेट्रोल पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र होने से प्रदूषण की जांच आसानी से हो सकेगी। आरटीओ को भी निर्देशित किया गया था कि प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए जो भी आवेदन आए, उनका तत्काल निराकरण किया जाए। Share: