- मिशन 2023 के लिए विधायकों से वन-टू-वन आज से
भोपाल। उपचुनाव निपटने के साथ भाजपा विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी में जुट गई है। मिशन 2023 के फार्मूले को अंतिम रूप देने के लिए प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक 26 नवंबर को आयोजित की गई है। इससे पहले यानी आज और कल विधायकों की बैठक बुलाई गई है। भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव, संगठन महामंत्री सुहास भगत, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में होने वाली इस बैठक विधायकों के तीन साल की फरफॉर्मेंस पर चर्चा की जाएगी, साथ ही आगामी चुनाव की रणनीति और जिम्मेदारियों से अवगत कराया जाएगा। जिस विधायक की परफॉर्मेंस खराब होगी उसको टिकट नहीं दिया जाएगा।
विधायकों को किया जाएगा आगाह
बैठक में विधायकों से सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत तो पूछी ही जाएगी, उन्हें इस बात के लिए आगाह भी किया जाएगा कि विधानसभा चुनाव में अब दो साल का समय भी नहीं बचा है, तैयारी में जुट जाएं। अपनी स्थिति में सुधार कर लें, बाद में टिकट नहीं मिले तो पार्टी को दोष मत दें। कहा जा रहा है कि इस बैठक ने विधायकों के बीच खलबली मचा दी है। पार्टी ने राजगढ़ में आयोजित प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में साफ संदेश दिया था कि विधायक और सांसद भी जनता के बीच जाएं। गांव में रात्रि विश्राम करें। जनता की समस्याओं को जानें और समय पर उनका निराकरण कराएं। इसके बाद भी विधायकों के रवैये में खासा बदलाव नहीं आया।
विधायकों को बताई जाएगी रिपोर्ट
विधायक दल की बैठक में विधायकों के तीन साल की फरफॉर्मेंस पर चर्चा की जाएगी, साथ ही आगामी चुनाव की रणनीति और जिम्मेदारियों से अवगत कराया जाएगा। बैठक में भाजपा के कब्जेवाली 127 सीटों के अलावा हारी हुई विधानसभा सीटों पर पार्टी की अगली रणनीति को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा। कार्यसमिति के पहले मिशन 2023 को लेकर विधायकों के होमवर्क की जानकारी ली जाएगी। उनसे चुनाव की दृष्टि से आगामी चुनौतियों पर पूछताछ के अलावा उनके बारे में पार्टी के आकलन का आइना भी उन्हें दिखाया जाएगा। दो दिन चलने वाली इस समीक्षा बैठक में अलग-अलग संभाग के विधायकों को छोटे समूहों में बिठाकर मैदानी स्थिति का ऑडिट किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार 2018 के विधानसभा चुनाव परिणाम से सबक लेते हुए पार्टी इस बार विधायकों को कई पैमाने पर परखेगी। 24-25 नवंबर को विधायकों से क्षेत्रवार वन- टू-वन चर्चा में संबंधित क्षेत्र की खूबियों के साथ कमजोर पक्ष पर भी विचार मंथन किया जाएगा। इस बार कार्यसमिति के पहले संभागवार विधायकों से उनके क्षेत्र और कामकाज को लेकर चर्चा की जाएगी। साथ ही जिन क्षेत्रों में भाजपा के जनप्रतिनिधि नहीं हैं वहां पार्टी की क्या रणनीति रहेगी इस पर भी मंथन किया जाएगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिन क्षेत्रों में विधायकों का परफॉर्मेंस कमजोर आंका गया है उन्हें स्पष्ट तौर पर जता दिया जाएगा कि मैदानी तैयारी पर ध्यान दें क्योंकि अब अगले चुनाव के लिए ज्यादा वक्त नहीं है।
Share: