- कांग्रेस जीत के लिए निश्चिंत तो भाजपा को ग्रामीण इलाकों से मदद की आस
इंदौर। भाजपा के नेताओं की मानें तो इस बार राऊ विधानसभा में बड़ा उलटफेर होने की संभावना है। जिस तरह से मधु वर्मा और जीतू पटवारी ने चुनाव लड़ा है, उसको देखकर लग रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों से भी भाजपा को इस बार बढ़त मिलेगी। हालांकि अपनी जीत के प्रति जीतू पटवारी निश्चिंत हैं और दावा कर रहे हैं कि पिछली बार से ज्यादा वोटों से जीतेंगे। राऊ विधानसभा का टिकट भाजपा ने 16 अगस्त को ही घोषित कर दिया था और इसका पूरा फायदा यहां के अधिकृत प्रत्याशी मधु वर्मा ने उठाया। हालांकि पिछला चुनाव 5 हजार 703 वोटों से हारने के बाद भी वर्मा की सक्रियता कम नहीं हुई थी और वे लगातार राऊ विधानसभा में लगे हुए थे।
उनका दावा है कि इसी का फायदा उन्हें मिलेगा और ये सीट भाजपा की झोली में आ जाएगी। 2008 में अस्तित्व में आई इस सीट पर जीतू जिराती ने भाजपा का खाता खोला था, लेकिन उसके बाद वे जीतू पटवारी से चुनाव हार गए और पिछले दो बार से पटवारी यहां से विधायक हैं। पटवारी भी दावा कर रहे हैं कि वे इस बार भी अच्छे वोटों से जीतकर लगातार जीत की हैट्रिक बनाएंगे, लेकिन भाजपा उनका दावा फेल कर रही है। कारण बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार ने पांच साल में जो काम राऊ में करवाए हैं, उसका पूरा फायदा मधु वर्मा को मिलेगा और क्षेत्र में सक्रिय रहने का। खैर, यह तो 3 दिसंबर की तारीख ही तय कर पाएगी कि राऊ पर जीतू फिर जीतेगा या मधु दो बार से कांग्रेस के कब्जे से इस सीट को छीन पाएंगे।
मतदान का प्रतिशत घटा
इस बार राऊ विधानसभा में मतदान का प्रतिशत भी घटा है। हालांकि जिले में चौथे नंबर पर राऊ विधानसभा रही है, जहां सर्वाधिक मतदान हुआ है। मतदान का प्रतिशत देखा जाए तो 65.72 प्रतिशत मतदान राऊ विधानसभा में हुआ है। यहां कुल 3 लाख 56 हजार 653 मतदाता थे, जो 2018 के चुनाव में मात्र 2 लाख 89 हजार 396 थे। पिछली बार 74.53 प्रतिशत मतदान हुआ था, लेकिन इस बार मतदान का आंकड़ा कम होने के कारण भी कांग्रेस को नुकसान होता दिख रहा है।